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करौली में रिवॉल्वर दिखाकर नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म...आरोपी फरार

अलवर के थानागाजी में दलित महिला के साथ गैंगरेप का मामला अभी शांत नहीं हुआ था. एक के बाद एक दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ती जा रही है. ऐसी ही एक मामला करौली जिले में सामना आया है. जहां रिवाल्वर के दम पर दो लड़कों ने दलित नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया.

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Published : May 21, 2019, 8:35 AM IST

दलित नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म

करौली. जिले के टोडाभीम उपखण्ड क्षेत्र के ग्राम डोरावली में सोमवार मोटरसाइकिल पर सवार दो लड़को ने सोलह वर्षीय ग्यारवीं कक्षा की दलित नाबालिग छात्रा का रिवाल्वर के दम पर अपहरण कर दलित नाबालिग को जंगलों में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म कर वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली.

दलित नाबालिग के साथ गैंगरेप कर अश्लील फोटो भी खींच लिए. उक्त घटना को लेकर पीड़िता ने अपने परिजनों के साथ टोडाभीम पुलिस थाने में पहुंचकर दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया है.पीड़िता ने बताया कि सोमवार की सुबह तीन बजे वह घर से शौच के लिये निकली ही थी कि रास्ते में दो लड़के गाड़ी से आए और उसे रिवाल्वर दिखाकर उसे और उसके घरवालो को जान से मारने की धमकी देने लगे. वो कुछ समझ पाती इतने में ही उन्होंने उसे उठाकर गाड़ी पर पटक लिया.

दलित नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म

पीड़िता के मुंह और आंखों पर कपड़ा बांधकर पास ही के जंगलों में ले गये और उसके साथ बारी-बारी से दोनों ने बलात्कार किया और वीडियो रिकॉर्डिंग करके कुछ अश्लील फोटो भी खींच लिए और पीड़िता को धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो वो वीडियो के द्वारा बदनाम कर देंगे.

पीड़िता ने उनको किसी से नहीं बताने की हां की तब जाके उन लोगों ने पीड़िता को उसके घर के बाहर छोड़कर गये. पीड़िता के चिल्लाने पर घर वाले बाहर आये तब तक आरोपी लड़के मोटरसाइकिल पर सवार होकर भाग चुके थे.उनमें से एक लड़के नाम मनीष कुमार मीना निवासी जौंल है तथा दूसरा उसका दोस्त है जिसका नाम पीड़िता को नहीं पता है.

पीड़िता ने रिपोर्ट के माध्यम से पुलिस प्रशासन को चेतवानी दी है कि यदि 24 घंटे के अन्दर उक्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो वह अपनी जान दे देगी. पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.पीड़िता के परिजन ने बताया कि सामुहिक दुष्कर्म की घटना के बाद टोडाभीम थाने में मामला दर्ज कराने पहुंचे तो थानाधिकारी ने करीब चार घण्टे बाद मामला दर्ज किया.

पीड़िता का टोडाभीम चिकित्सालय में परीक्षण नहीं हुआ.उसके बाद पीड़िता को हिंडौन राजकीय अस्पताल में लाया गया.चिकित्सकों ने जांच किट नहीं होने की वजह से पीडिता का परीक्षण नहीं हुआ. चिकित्सकों और पुलिस प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है. जिससे परीक्षण भी नही हो पाया.

दलित समाज के कार्यकर्ता सुरेश देतवाल ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के चिकित्सा विभाग की व्यवस्था पर निशाना साधते हुए कहा कि यह जो संगीन घटना हुई है. उससे सारा समाज आहत है. पुलिस प्रशासन और हिंडौन चिकित्सा विभाग की लापरवाही के कारण बालिका का परीक्षण नहीं हुआ. अगर प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो आगे समाज आंदोलन भी कर सकता है.

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