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Rajasthan Assembly Election 2023 : जोधपुर में भाजपा की 8, कांग्रेस की 6 सीटों पर फंसा पेंच, यहां जानें सीटवार समीकरण

Political equation of Jodhpur, जोधपुर की 10 विधानसभा सीटों की बात करें तो यहां भाजपा ने दो और कांग्रेस ने चार सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है. वहीं, अभी भाजपा को 8 और कांग्रेस को 6 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने हैं. चलिए अब हम आपको सीटवार यहां के सियासी समीकरणों के बारे में बताते हैं.

Rajasthan Assembly Election 2023
Rajasthan Assembly Election 2023

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 25, 2023, 8:08 PM IST

जोधपुर का सीटवार सियासी समीकरण

जोधपुर.विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की दो-दो सूचियां जारी कर दी हैं, जिसमें अब तक भाजपा ने जोधपुर की दो और कांग्रेस ने 4 सीटों पर प्रत्याशी उतारा है. ऐसे में अभी भी यहां भाजपा के 8 और कांग्रेस के 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा होनी बाकी है. मौजूदा आलम यह है कि दोनों ही पार्टियां शुरुआती सूची में अपने मौजूदा विधायकों के नाम भी घोषित नहीं कर पाई हैं. इससे साफ होता है कि दोनों ही ओर से पेंच फंसे हुए हैं.

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दो दिन जोधपुर में रहे. इस दौरान सोमवार और मंगलवार को उन्होंने क्षेत्र के लोगों से मुलाकात कर फीडबैक लिया. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस की तीसरी सूची में जोधपुर की स्थिति अब साफ हो जाएगी, जबकि भाजपा में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सक्रिय हैं. साथ ही सूरसागर सीट से नए चेहरे के रूप में उम्रदराज देवेंद्र जोशी के नाम की घोषणा की गई, जिसका अब विरोध शुरू हो गया है. इसके चलते पार्टी हर कदम फूंक फूंककर रख रही है.

यहां भाजपा के लिए आसान नहीं प्रत्याशी चयन :जोधपुर में भाजपा अभी तक सिर्फ बिलाड़ा और सूरसागर के ही प्रत्याशी घोषित कर सकी है. ऐसे में अभी आठ सीटों पर नाम आने बाकी हैं. वहीं, कांग्रेस ने सरदारपुरा, लूणी, शहर और ओसियां के पत्ते खोल दिए हैं. इन सब के बीच भाजपा के सामने प्रत्याशियों का चयन आहिस्ते-आहिस्ते मुश्किल होता जा रहा है और इसके पीछे कई कारण हैं. खास तौर से शेरगढ़ को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है. यहां केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने-अपने समर्थक को टिकट दिलाने की कोशिश में है. कुछ ऐसे ही हालात लूणी, ओसियां, भोपालगढ़, जोधपुर शहर और लोहावट में भी बने हैं. वहीं, सरदारपुरा से कोई लड़ने को तैयार नहीं है, जबकि फलौदी में पार्टी कांग्रेस के प्रत्याशी का इंतजार कर रही है. यही हालात कांग्रेस में भी है.

जोधपुर का सियासी रण

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सीटवार सियासी समीकरण

लूणी :ये जाट बाहुल्य सीट है. यहां पूर्व विधायक जोगाराम और पूर्व सांसद जसवंतसिंह विश्नोई के अलावा शैलाराम सारण मुख्य तौर पर टिकट के दावेदार हैं. सारण का नाम आगे हैं, लेकिन पटेल आश्रम शिकारपुरा से हरि झंडी नहीं मिल रही है. पटेल वसुधंरा समर्थक माने जाते हैं. वहीं, पार्टी चेहरा बदलना चाहती है, हालांकि, कांग्रेस ने यहां अपने मौजूदा विधायक महेंद्र सिंह विश्नोई पर फिर से भरोसा जताया है.

शेरगढ़ :यहां से तीन बार विधायक रहे बाबूसिंह ने फिर से टिकट की दावेदारी पेश की है, लेकिन उन्हें गजेंद्र सिंह शेखावत का विरोधी और राजे के प्रबल समर्थक के रूप में जाना जाता है. वहीं, यहां से शेखावत के समर्थक युवा जसवंतसिंह इंदा भी रेस में बने हुए हैं. ऐसे में इस सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा में एक राय कायम नहीं हो पा रही है. कमोबेश कुछ ऐसी ही स्थिति कांग्रेस में भी है, जिसके कारण मौजूदा विधायक के नाम की घोषणा नहीं की गई. पार्टी यहां बदलाव के मोड में नजर आ रही है.

ओसियां :यहां कांग्रेस ने मौजूदा विधायक दिव्या मदेरणा पर भरोसा जताया है तो भाजपा जातीय समीकरण में उलझी नजर आ रही है. ऐसे में अगर जाट और राजपूत मिलकर भाजपा का समर्थन करेंगे तभी पार्टी इस सीट को निकाल पाएगी. वहीं, शंभूसिंह खेतासर के ताल ठोकने से भैराराम सियोल व अन्य की दावेदारी अधर में दिख रही है.

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लोहावट :यहां से भाजपा के पूर्व मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर टिकट के बड़े दावेदार के रूप में सामने हैं. उनके अलावा नरपतसिंह व पूर्व प्रधान भागीरथ बेनीवाल भी रेस में बने हुए हैं. कांग्रेस भी यहां वेट एंड वॉच की स्थिति में है. यही कारण है कि पार्टी ने अभी तक यहां से अपने मौजूदा विधायक किशना राम विश्नोई के नाम का ऐलान नहीं किया है.

भोपालगढ़ :इस आरक्षित सीट पर भाजपा से दो बार विधायक रही कमसा मेघवाल के अलावा किरण डांगी, रामलाल और छोटूलाल ने टिकट की दावेदारी पेश की है. कांग्रेस में भी यहां टिकट के एक से अधिक दावेदार हैं. ऐसे में पार्टी प्रत्याशी फाइनल नहीं कर पा रही है. वहीं, इस सीट के बारे में कहा जाता है कि यहां जाट मतदाता निर्णायक की भूमिका में हैं और वो जिस ओर रुख करेंगे उसी पार्टी को जीत मिलेगी. इसके अलावा रोलोपा के मौजूदा विधायक पुखराज गर्ग भी मैदान में फिर से ताल ठोकते नजर आ सकते हैं.

फलौदी :दो बार से लगातार विधायक पब्बाराम विश्नोई यहां भाजपा के बड़े दावेदार हैं. पार्टी यहां सिर्फ कांग्रेस के नाम का इंतजार कर रही है. इस सीट पर कांग्रेस के लिए प्रत्याशी चयन आसान नहीं है, क्योंकि यहां एक से अधिक दावेदार हैं, जो ब्राह्मण, राजपूत और विश्नोई समाज से आते हैं और तीनों ही जातियों यहां निर्णायक की भूमिका में हैं.

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सूरसागर :भाजपा ने यहां मौजूदा विधायक सूर्यकांता व्यास का टिकट काटकर अपने पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र जोशी को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा है. वहीं, कांग्रेस भी इस बार किसी ब्राह्मण फेस पर दांव खेलने के मोड में नजर आ रही है. हालांकि, इससे पहले पार्टी अल्पसंख्यक चेहरे को मैदान में उतारते रही है. इधर, सीएम ने मंगलवार को अपने दौरे के दौरान क्षेत्र के लोगों से मुलाकात के बाद निर्वतमान विधायक सूर्यकांता व्यास से भी मिले थे. ऐसे में चर्चा ये भी है पार्टी उन्हें भी मैदान में उतार सकती है.

बिलाड़ा :ये सीट आरक्षित है और यहां से भाजपा ने अर्जु्नलाल गर्ग को दोबारा मैदान में उतारा है. कांग्रेस के सर्वे में मौजूदा विधायक हीराराम मेघवाल की स्थिति कमजोर पाई गई है. ऐसे में पार्टी मोहन कटारिया, गोपीलाल बोचावत के नाम पर भी विचार कर रही है.

जोधपुर शहर :कांग्रेस ने मौजूदा विधायक मनीषा पंवार पर फिर से भरोसा जताया है. वहीं, भाजपा अभी तक यहां से प्रत्याशी फाइनल नहीं कर सकी है. हालांकि, रेस में अतुल भंसाली का नाम शामिल है, जो पिछली बार भी यहां से चुनाव लड़े थे. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम पर भी चर्चा तेज है.

सरदारपुरा :इस सीट से कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम घोषित कर दिया. वहीं, भाजपा के पास कोई दावेदार नहीं है. शेखावत खुद इस सीट से दूरी बना रहे हैं. ऐसे में यहां से दो बार चुनाव हार चुके शंभूसिंह खेतासर ओसियां से लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि भाजपा इस बार पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद कच्छवाह पर दांव खेल सकती है.

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