जोधपुर.विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की दो-दो सूचियां जारी कर दी हैं, जिसमें अब तक भाजपा ने जोधपुर की दो और कांग्रेस ने 4 सीटों पर प्रत्याशी उतारा है. ऐसे में अभी भी यहां भाजपा के 8 और कांग्रेस के 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा होनी बाकी है. मौजूदा आलम यह है कि दोनों ही पार्टियां शुरुआती सूची में अपने मौजूदा विधायकों के नाम भी घोषित नहीं कर पाई हैं. इससे साफ होता है कि दोनों ही ओर से पेंच फंसे हुए हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दो दिन जोधपुर में रहे. इस दौरान सोमवार और मंगलवार को उन्होंने क्षेत्र के लोगों से मुलाकात कर फीडबैक लिया. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस की तीसरी सूची में जोधपुर की स्थिति अब साफ हो जाएगी, जबकि भाजपा में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सक्रिय हैं. साथ ही सूरसागर सीट से नए चेहरे के रूप में उम्रदराज देवेंद्र जोशी के नाम की घोषणा की गई, जिसका अब विरोध शुरू हो गया है. इसके चलते पार्टी हर कदम फूंक फूंककर रख रही है.
यहां भाजपा के लिए आसान नहीं प्रत्याशी चयन :जोधपुर में भाजपा अभी तक सिर्फ बिलाड़ा और सूरसागर के ही प्रत्याशी घोषित कर सकी है. ऐसे में अभी आठ सीटों पर नाम आने बाकी हैं. वहीं, कांग्रेस ने सरदारपुरा, लूणी, शहर और ओसियां के पत्ते खोल दिए हैं. इन सब के बीच भाजपा के सामने प्रत्याशियों का चयन आहिस्ते-आहिस्ते मुश्किल होता जा रहा है और इसके पीछे कई कारण हैं. खास तौर से शेरगढ़ को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है. यहां केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने-अपने समर्थक को टिकट दिलाने की कोशिश में है. कुछ ऐसे ही हालात लूणी, ओसियां, भोपालगढ़, जोधपुर शहर और लोहावट में भी बने हैं. वहीं, सरदारपुरा से कोई लड़ने को तैयार नहीं है, जबकि फलौदी में पार्टी कांग्रेस के प्रत्याशी का इंतजार कर रही है. यही हालात कांग्रेस में भी है.
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सीटवार सियासी समीकरण
लूणी :ये जाट बाहुल्य सीट है. यहां पूर्व विधायक जोगाराम और पूर्व सांसद जसवंतसिंह विश्नोई के अलावा शैलाराम सारण मुख्य तौर पर टिकट के दावेदार हैं. सारण का नाम आगे हैं, लेकिन पटेल आश्रम शिकारपुरा से हरि झंडी नहीं मिल रही है. पटेल वसुधंरा समर्थक माने जाते हैं. वहीं, पार्टी चेहरा बदलना चाहती है, हालांकि, कांग्रेस ने यहां अपने मौजूदा विधायक महेंद्र सिंह विश्नोई पर फिर से भरोसा जताया है.
शेरगढ़ :यहां से तीन बार विधायक रहे बाबूसिंह ने फिर से टिकट की दावेदारी पेश की है, लेकिन उन्हें गजेंद्र सिंह शेखावत का विरोधी और राजे के प्रबल समर्थक के रूप में जाना जाता है. वहीं, यहां से शेखावत के समर्थक युवा जसवंतसिंह इंदा भी रेस में बने हुए हैं. ऐसे में इस सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा में एक राय कायम नहीं हो पा रही है. कमोबेश कुछ ऐसी ही स्थिति कांग्रेस में भी है, जिसके कारण मौजूदा विधायक के नाम की घोषणा नहीं की गई. पार्टी यहां बदलाव के मोड में नजर आ रही है.
ओसियां :यहां कांग्रेस ने मौजूदा विधायक दिव्या मदेरणा पर भरोसा जताया है तो भाजपा जातीय समीकरण में उलझी नजर आ रही है. ऐसे में अगर जाट और राजपूत मिलकर भाजपा का समर्थन करेंगे तभी पार्टी इस सीट को निकाल पाएगी. वहीं, शंभूसिंह खेतासर के ताल ठोकने से भैराराम सियोल व अन्य की दावेदारी अधर में दिख रही है.