जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में शुक्रवार से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस शुरू हुई. इस कांफ्रेंस की थीम इनोवेटिव रिसर्च इन साईंस मैनेजमेंट एण्ड टैक्नोलोजी है. जिसमें खास तौर से डिजिटाईजेशन ऑटोमेशन का एम्प्लॉयमेंट पर प्रभाव जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हो रही है. इसमें वक्ताओं ने कहा कि ऑटोमेशन से परेशानी कम है और फायदा बहुत ज्यादा. बस कामगारों को अपने स्किल सुधारने की जरूरत है.
सांयकालीन संकाय के निदेशक प्रो केए गोयल ने बताया कि ऑटोमेशन के चलते आज इंसान की जगह मशीन ले रही है. इसका मिलाजुला असर हो रहा है. कई देशों में परेशानी बन रही है क्योंकि इसका असर रोजगार पर पड़ रहा है. लेकिन इसके अपने लाभ भी हैं. लेकिन ऐसे में मौजूदा समय के साथ इस पर विचार कर एक पॉलिसी बनाने की जरूरत है. यहां आए विशेषज्ञों की चर्चा से पॉलिसी बनाने में आसानी होगी. जापान से आए प्रो योसिको ताकाहाशी ने कहा कि आज दुनिया चैट जीपीटी जैसे सुविधाएं आ गई है. इससे बदलाव हुआ है. ऐसे में इस पर चर्चा होनी चाहिए.
पढ़ें:एआई से टीबी मुक्त भारत की परिकल्पना, एक्सरे से AI एल्गोरिदम बताएगा TB होगी या नहीं
मशीनों के बराबर उत्कृष्ठता लानी होगी: कोलकाता से आए प्रो राम प्रहलाद चौधरी ने बताया कि किसी समय में जब कंप्यूटर आया, तो कहा गया था कि यह लोगों की नौकरियां खा जाएगा. लेकिन धीरे-धीरे लोग उसके उपयोग का अभ्यस्त हो गए. वर्तमान में जो स्थितियां आटोमेशन से बन रही हैं, उसके लिए भी हमें हमारी स्किल बढ़ानी होगी. रोबोटिक वर्किंग शुरू हो चुकी है. ऐसे में उन मशीनों को चलाने की स्किल भी आनी चाहिए. इसलिए ऑटोमेशन से दूरी नहीं रखी जा सकती, अलबत्ता इसके अनुरूप कामगारों को ढलना होगा.