जोधपुर.हृदय रोग से पीड़ित आसाराम को आखिरकार रविवार को जोधपुर एम्स में अपनी एंजियोग्राफी जांच करवानी पड़ी. एम्स में भर्ती आसाराम के सीने में लगातार दर्द की शिकायत चल रही थी, जिसके चलते डॉक्टरों के कहने पर आखिरकार उसे यह जांच करवानी पड़ी. जोधपुर एम्स के डॉक्टरों ने इसकी पुष्टि की है.
बताया जा रहा है कि आसाराम के हृदय के दो नसों में 90 से 95 प्रतिशत ब्लॉकेज आए हैं. डॉक्टरों ने एंजियोप्लास्टी की जरूरत बताई है. जल्द यह प्रोसीजर भी हो सकता है. उसके शरीर में हिमोग्लोबिन भी कम बताया गया है. इसक चलते ब्लड चढ़ाया जा रहा है. फिलहाल, आसाराम सीसीयू (कार्डियक केयर यूनिट) में भर्ती हैं. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों तक उसे एम्स में ही रखा जाएगा. स्वास्थ्य में सुधार के बाद ही उसे जेल में वापस शिफ्ट किया जाएगा.
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उल्लेखनीय है कि गत दिनों 9 नवंबर को ही आसाराम को यहां भर्ती करवाया गया था. यह पहला मौका है जब आसाराम का एलोपैथिक पद्धति से कोई प्रोसीजर हुआ है. इससे पहले वह हर बार उपचार के लिए मना करता रहा है, लेकिन इस बार लंबा इलाज चला तो एंजियोग्राफी करवानी पड़ी.
दस साल से है जेल में : आसाराम पर अपनी ही एक नाबालिग शिष्या के साथ दुराचार करने का आरोप है, जिसके चलते उसे सितंबर 2013 में जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसके बाद से वह लगातार जेल में ही है. इस दौरान करीब 5 साल तक आसाराम के खिलाफ न्यायालय में सुनवाई चली. 2018 में आसाराम को कोर्ट ने जेल में ही फैसला सुनाते हुए आजीवन कारावास की सजा दे दी.
हालांकि, आसाराम की ओर से लगातार कई बार पैरोल के लिए प्रार्थना पत्र लगाए गए, लेकिन उसे राहत नहीं मिली. हाल ही में आयुर्वेदिक उपचार को लेकर भी उसने याचिका लगाई थी, जिसमें कोर्ट ने पूछा था कि क्या आसाराम पुलिस कस्टडी में महाराष्ट्र के माधव अस्पताल में अपने खर्च पर इलाज करवा सकता है? इसका जवाब देने के साथ सजा स्थगन की याचिका लगाई गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.