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झुंझुनू में सड़क सुरक्षा अभियान के तहत मुख्यालय पर निकाली गई रैली

झुंझुनूं जिले में दुर्घटनाओं की वजह से होने वाली मौत में गत वर्ष की तुलना की जाए तो 11% कम लोग दुर्घटनाओं में काल कवलीत हुए हैं. अब प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के तहत वापस जागरूकता का प्रयास कर रहा है, ताकि आगामी वर्ष में भी मौतों के आंकड़ों में और कमी लाई जा सके.

Road safety campaign in Jhunjhunu, सड़क सुरक्षा अभियान झुंझुनूं
मुख्यालय पर निकाली गई रैली

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Published : Feb 4, 2020, 5:57 PM IST

झुंझुनूं. जिला मुख्यालय में 31 वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा दिवस के उपलक्ष में शहीद कर्नल जेपी जानू स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा रैली का आयोजन किया गया. रैली जेपी जानू स्कूल से रवाना की गई जो शहीद स्मारक पार्क तक लाई गई और शहीद स्मारक पार्क में सेमिनार का भी आयोजन किया गया. रैली में जेपी जानू स्कूल के छात्राओं ने नारेबाजी करते हुए और मुंह के ऊपर नकाब लगाकर ढोल पर डांस किया और संदेश दिया गया कि वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग ना करें, शराब पीकर वाहन ना चलाएं, थकान के समय वाहन न चलाएं अगर इन सब का प्रयोग करके चालक वाहन चलाता है, तो वह दुर्घटना का शिकार बन जाता है दुर्घटना का शिकार से बचने के लिए इन सब का बहिष्कार करना होगा.

मुख्यालय पर निकाली गई रैली

पूरे राजस्थान में मौत का आंकड़ा

RTO अधिकारी मक्खन लाल जांगिड़ ने बताया कि हर वर्ष राजस्थान में 23 हजार के लगभग दुर्घटनाएं होती है, और इन दुर्घटनाओं में 23 हजार के लगभग ही लोग घायल होते हैं, जिनमें 10500 लोग अपनी जान गवाते हैं इनमें 81% युवा लोग होते हैं. जितनी मौत किसी बीमारी के कारण होती है उतनी ही मौतें सड़क दुर्घटना के कारण भी होती हैं. इसके चलते सरकार का भी निरंतर प्रयास रहता है कि दुर्घटनाओं में जितनी मौतें होती हैं उनमें कमी लाई जाए इसी संदर्भ में जिला मुख्यालय में 31 वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए रैली का आयोजन किया गया.

दुर्घटनाओं से बचने के लिए हमें ट्रैफिक नियमों की पूरी तरह से पालना करनी चाहिए और वाहन चलाते समय हमें मोबाइल का प्रयोग नहीं करना चाहिए, शराब पीकर गाड़ी नहीं चलानी चाहिए, ओवर स्पीड में गाड़ी नहीं चलानी चाहिए अगर हम ऐसा करते हैं तो हम खुद की जान भी गवा देते हैं और साथ में दूसरे लोगों को भी दुर्घटना का शिकार बनाते हैं.

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आंकड़ों की नजर में देखें हालात

दुर्घटनाओं में मौतों की बात की जाए तो वर्ष 2012 में 236, वर्ष 2013 में 321, वर्ष 2014 में 310, वर्ष 2015 में 317, वर्ष 2016 में 297, वर्ष 2017 में 237, वर्ष 2018 में 264 और वर्ष 2019 में 236 लोगों की मौत दुर्घटना में हुई है.

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