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'नायब सूबेदार अम्मीलाल अमर रहे'... के नारों के साथ शहीद को अंतिम विदाई, बेटा-बेटी ने दी मुखाग्नि

झुंझुनू के लाल नायब सूबेदार अम्मीलाल लद्दाख में शहीद हो गए, जिसके बाद सोमवार को उनकी पार्थिव देह उनके गांव पहुंची. लोगों ने शहीद का पुष्पवर्षा कर सम्मान किया. वहीं शहीद के बेटे और बेटी दोनों ने अपने पिता को मुखाग्नि दी.

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Published : May 12, 2020, 12:00 AM IST

झुंझुनू नवलगढ़ न्यूज, jhunjhunu news
गगनभेदी देशभक्त नारों के साथ पंचतत्व में विलीन हुए नायब सूबेदार अम्मीलाल

नवलगढ़ (झुंझुनू). सोमवार को पनिया की ढाणी नायब सूबेदार अम्मीलाल अमर रहे.. के जयकारों से गूंजती रही. पनिया की ढाणी के नायब सूबेदार अम्मीलाल सिहाग (45) लद्दाख के न्योमा सेक्टर में तैनात थे, जहां उनकी ह्रदयाघात से शहीद हो गए.

नायब सूबेदार अम्मीलाल जनवरी में छुट्टियां बिताकर वापस गए थे. कुछ दिनों पहले फिर से छुट्टी आने वाले थे, लेकिन लाॅकडाउन की वजह से नहीं आ सके. 8 मई को भी सुबह ड्यूटी जाते समय अम्मीलाल ने अपनी पत्नी से फोन पर बात करके बताया था कि सीने में हल्का दर्द है, हालांकि दवाई ले ली थी.

गगनभेदी देशभक्त नारों के साथ पंचतत्व में विलीन हुए नायब सूबेदार अम्मीलाल

उसी दिन दोपहर बाद अम्मीलाल ने दम तोड़ दिया. अम्मीलाल के 20 वर्षीय पुत्र दीक्षित और 17 वर्षीय बेटी निधी ने पिता को मुखाग्नि दी. जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर परवेज अहमद हुसैन ने बताया कि सेना बोर्ड की मीटिंग होने के बाद नायब सूबेदार अम्मीलाल सिहाग से जुड़ी अन्य जानकारियां सामने आएगी.

पढ़ें-शहीद नायब सूबेदार अमीलाल की पार्थिव देह पहुंचीं जयपुर, सैन्य अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर दी श्रद्धांजलि

इस दौरान सेना और पुलिस की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इस दौरान सांसद नरेंद्र कुमार, विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा, एसडीएम मुरारीलाल शर्मा, तहसीलदार कपिल उपाध्याय, डीएसपी रामचंद्र मूंड, सीआई महावीर सिंह राठौड़, से.नि. मेजर जयराम, मेजर मूलचंद डूडी, विनोद चौधरी आदि ने पुष्प चक्र अर्पित किए.

शहीद की अंतिम विदाई

8 मई की शाम पौने 4 बजे ली अंतिम सांस

पार्थिव देह के साथ आए नायब सूबेदार जयप्रकाश ने बताया कि उस क्षेत्र में ऑक्सीजन का अभाव हर समय रहता है. अम्मीलाल सीने में दर्द से पीड़ित थे. 8 मई को तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उनको लेह स्थित सैनिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. मौसम उपयुक्त नहीं रहने के कारण पार्थिव देह आने में करीब 72 घंटे से अधिक समय लग गया. सोमवार दोपहर अम्मीलाल का पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा तो परिजन बिलख पड़े.

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शहीद की पार्थिव देह को देखकर हर आंख नम हो रही थी. सैनिक टीम ने परिजनों को तिरंगा सौंपा. इस दौरान ग्रामीण और प्रशासनिक अधिकारी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए अंत्येष्टि में शामिल हुए और श्रद्धांजलि अर्पित की.

पत्नी हुई बेसुध, बिलख पड़े बच्चे

नायब सूबेदार अम्मीलाल की पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची, तो पत्नी बबीता बेसुध हो गई. शहीद का बेटा दीक्षित और बेटी निधी पिता को कफन में लिपटा देखकर बिलख पड़े. परिजनों ने उनको ढांढस बंधाया.

शोक की लहर, डीजे, अंधड़ और बारिश के बीच हुई अंत्येष्टि

सैनिक का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में पहुंचा तो हर तरफ शोक की लहर छा गई. ग्रामीण सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए अपने घरों के बाहर खड़े रहे. सैनिक के पार्थिव देह पर ड्रोन से पुष्प वर्षा की गई.

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गांव की श्मशान भूमि में अंत्येष्टि के समय कभी तेज अंधड़ तो कभी बारिश ने भी बाधा डाली. परिजन पार्थिव देह को तिरपाल से ढककर अंतिम संस्कार के कार्य में जुटे रहे. शहीद के बेटे और बेटी दोनों ने अपने पिता को मुखाग्नि दी.

डूंडलोद फाटक से काफिले के साथ गांव तक पहुंची पार्थिव देह

नायब सूबेदार अमीलाल सिहाग की पार्थिव देह डूंडलोद फाटक पर पहुंची. उसके बाद वहां से डीजे और गाड़ियों के काफिले के साथ सम्मान सहित उनके पैतृक घर लाया गया. इस दौरान भगेरा, निवाई, नवलड़ी और सुल्तानपुरा आदि जगहों पर लोगों ने पार्थिव देह ले जा रही एंबुलेंस पर पुष्प वर्षा की और लोगों ने नायब सूबेदार सिहाग को सैल्यूट कर विदा किया.

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