झालावाड़. जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में एक शख्स ने समय पर कोरोना की रिपोर्ट नहीं मिलने और उसके बाद इलाज के अभाव में अपनी बेटी के हाथों में दम तोड़ दिया. ऐसे में एक बार फिर मेडिकल कॉलेज के ढीले रवैए ने एक इंसान की जान ले ली. इसको लेकर ईटीवी भारत ने भी पहले भी चेताया था कि 3 दिन बाद तक भी रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण लोग कोरोना स्प्रेडर बन कर घूम रहे हैं और लोगों का समय पर इलाज शुरू नहीं हो पा रहा है.
बेटी के हाथों में पिता ने तोड़ा दम पढ़ें- SPECIAL : झालावाड़ में 3 दिन तक नहीं मिल रही कोरोना जांच रिपोर्ट...वायरस स्प्रेडर बनकर घूम रहे मरीज
मृतक की बेटी मधुश्री शर्मा ने बताया कि उनके पिता की तबीयत खराब चल रही थी. ऐसे में 5 दिन पहले उन्होंने पिता को अपने पास झालावाड़ बुला लिया था, जिसके बाद से वो उनकी देखभाल कर रही थी. इस दौरान उन्होंने उनक कोरोना टेस्ट करवाया, लेकिन 3 दिन बाद भी उनकी रिपोर्ट नहीं आई. ऐसे में गुरुवार सुबह सीएमएचओ ऑफिस से फोन आया कि आपके पिता कोरोना पॉजिटिव हैं. ऐसे में वह तुरंत अपने पिता को कोविड अस्पताल लेकर आई, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उनको भर्ती करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि इनके पॉजिटिव होने के बारे में उनको जानकारी नहीं है.
जब मधुश्री ने कहा कि सीएमएचओ ऑफिस से ही उनके पास फोन आया है तो उन्होंने कहा कि हमारे रिकॉर्ड में ऐसा नहीं है. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने उनको भर्ती नहीं किया. आधे घंटे तक वह अस्पताल की चौखट पर पड़े रहे. इस दौरान लगातार उनका ऑक्सीजन लेवल गिरता रहा. कुछ देर बाद शख्स ने अपनी बेटी के हाथों में दम तोड़ दिया. इस दौरान बेटी बिलखती रही, रोती रही लेकिन लेकिन उनके पिता की जान नहीं बचाई जा सकी.
बेबस बेटी का कहना है कि अगर एक दिन में उनके पिता की कोरोना रिपोर्ट आ जाती तो समय पर उनका इलाज शुरू किया जा सकता था. लेकिन 3 दिन बाद उनके पिता की रिपोर्ट आई जिसके चलते इलाज के अभाव में उन्होंने दम तोड़ दिया.
बता दें कि हाल ही में ईटीवी भारत ने झालावाड़ के जिला अस्पताल में देरी से आ रही कोरोना रिपोर्ट को लेकर को चेताया था, लेकिन उसके बाद भी मेडीकल कॉलेज ने अपनी खराब व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया. जिसके चलते एक और व्यक्ति ने समय पर कोरोना का इलाज शुरू नहीं होने के अभाव में दम तोड़ दिया.