झालावाड़: झालावाड़ में डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और अब यह आकड़ा 105 तक पहुंचा गया है. जबकि विभाग का दावा है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार डेंगू के कम ही केस सामने आए हैं. जिले में इस बार जबरदस्त बारिश देखने को मिली थी जिससे जगह-जगह कई दिनों तक जलभराव भी रहा था.
झालावाड़ में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या 100 के पार. अंदेशा पहले ही जताया जा चुका था कि इस बार डेंगू और स्क्रब टायफस का खतरा ज्यादा है और ऐसा ही हुआ. झालावाड़ में इस बार डेंगू के मरीजों की संख्या पिछले वर्ष से दोगुनी बढ़ गई है. जिले में जहां वर्ष 2018 में डेंगू के पॉज़िटिव मरीजों की संख्या 46 थी तो वहीं इस वर्ष डेंगू के पॉजिटिव मरीजो की संख्या शतक पूरा करते हुए 105 तक पहुंच चुकी है.
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ऐसे में इन आंकड़ो को देखते हुए इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से इस बार ये आंकड़े इतने ज्यादा बढ़कर आएं हैं. एक तरफ तो विभाग का दावा है कि अन्य जिलों के और पिछली बार के मुकाबले इस बार झालावाड़ जिले में डेंगू के कम केस सामने आए हैं. लेकिन उनके ही विभाग के आंकड़े उनके दावों को सिरे से खारिज करते हुए दिख रहे हैं.
विभाग का कहना है कि डेंगू के लिए उनके द्वारा लगातार एंटी लार्वा एक्टिविटी करवाई जा रही है साथ ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरुक किया जा रहा हैं. नगर परिषद के माध्यम से फॉगिंग भी करवाई जा रही है ताकि डेंगू के पनपने की प्रक्रिया को खत्म किया जा सके. विभाग ने ये भी चिंता जताई है कि जब तक तापमान कम नहीं हो जाता तब तक ऐसे मामले आने की संभावना बनी हुई है.
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डेंगू बढ़ने के ये हैं प्रमुख कारण:
- डेंगू ज्यादातर आसपास के गड्ढों, पुराने टायरों, परिंडों में जमा पानी से फैलता है.
- गमलों में भरे पानी से भी डेंगू के मच्छर पनपते हैं.
ये हैं डेंगू के शुरूआती लक्षण:
- सर्दी लगने के साथ तेज़ बुखार आना.
- सिर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द.
- कमजोरी आना, भूख नहीं लगना.
- जी मचलना, मुंह का स्वाद खराब होना.
- चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल गुलाबी रंग के चकते हो जाना.
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बरते ये सावधानियां:
- ठंडे पानी और खाने का उपयोग न करें.
- खाने में हल्की अजवाइन, अदरक और हींग का ज्यादा प्रयोग करें.
- हरि पत्तियों की सब्जी का सेवन करें.
- अच्छी नींद ले और साफ पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं.
- मसाले और तला हुआ खाना खाने से बचे.
- मच्छर से बचाव के लिए शरीर को ढक कर रखें.
- पूरी आस्तीन के कपड़े पहने.