झालावाड़. पूरी दुनिया इन दिनों कोरोना वायरस की मार झेल रही है. दुनिया के हर क्षेत्र पर वायरस के चलते लागू लॉकडाउन का असर देखने को मिल रहा है. जिसके कारण गरीब तबके को तरह-तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. इसी कड़ी में एक और उदाहरण जुड़ा है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए होने वाले सामूहिक विवाह समारोह की 5 हजार बुकिंग निरस्त होने की जानकारी मिली है.
जानकारी के अनुसार जिले के मनोहरथाना, अकलेरा, भालता, घाटोली, असनावर, कामखेड़ा, नांदेड़ा, श्रीराम सन्याघाट, सरेड़ी, अमृतखेड़ी, जावर, रटलाई, चुरेलिया, आमेठा, तुरकाड़िया सहित विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग धर्म के समाजों की ओर से सामूहिक विवाह सम्मेलन होते हैं. जिसमें से अकलेरा कस्बे का सामूहिक विवाह सम्मेलन 51 नंबर का सम्मेलन बताया जाता है. वहीं कामखेड़ा प्रसिद्ध स्थल पर होने वाला सम्मेलन 11 नंबर का माना जाता है.
शादियों पर लॉकडाउन के साइ़़ड इफेक्ट्स वहीं लॉकडाउन की वजह से चालू सीजन में तय हो चुकी 5 हजार से अधिक शादियों की बुकिंग निरस्त हुई है. जिसके चलते जयमाल, फूल, गुलदस्ते और मंडप सजाने वालों से लेकर टेंट और बैंड-बाजे जैसे कारोबार पर आश्रित बड़ी संख्या में मजदूर परिवारों की जीविका प्रभावित हुई है. साथ ही इस सेक्टर को 50 करोड़ रुपए से अधिक की चपत लगने का अनुमान है.
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इन शादियों के लिए महीनों पहले से गेस्ट हाउस, माली, रोड लाइट, दूल्हों के लिए बग्घिया-घोड़े, बैंड बाजा, भांगड़ा और हलवाई की बुकिंग हो चुकी थी. इसके लिए लोगों ने अतिरिक्त भुगतान भी किया है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से शादियां अब निरस्त हो गई हैं. लाइट एंड साउंड एसोसिएशन के जानकार बताते हैं कि जिले भर में दो 2000 से अधिक बैंड पार्टियां हैं. कुछ बैंड पार्टियों के पास 15 से 20 बुकिंग थीं, तो कुछ के पास दो-तीन शादियों की बुकिंग थीं.
बुकिंग कैंसिल होने के बाद अब लोग एडवांस भुगतान वापस करने के लिए भी दबाव बना रहे हैं. व्यापार संघ अध्यक्ष बताते हैं इस माह से शादियों का सीजन शुरू हो जाता है. लेकिन इस बार खरमास उतरने के बाद अप्रैल, मई, जून माह तक कहीं भी एक भी शादी नहीं होगी. लॉकडाउन की वजह से सभी बुकिंग निरस्त करने के लिए शासन की ओर से नोटिस जारी कर दिया गया है. ऐसे में शादियां कैंसिल हो जाने से पूरा सीजन हाथ से निकल गया है. अब दीपावली तक कोई काम नहीं मिलने की आशंका बनी हुई है.
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वह बताते हैं कि बीते मार्च से शुरू हुआ यह दौर आगामी नवंबर- दिसंबर तक चलने की बात कही जा रही है. उम्मीद थी कि 15 अप्रैल के बाद लॉकडाउन हट जाएगा और शादियां शुरू हो सकेंगी, लेकिन प्रतिबंध जारी रहने से अब जून तक बुकिंग निरस्त करनी पड़ी है. अगर सरकार इस सेक्टर की मदद नहीं की, तो इस आपदा से उबरना मुश्किल हो जाएगा.
वहीं किराना व्यापार संघ अध्यक्ष ने बताया कि शादियों पर आधारित व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों और मजदूर परिवारों के पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. ऐसे में कमर पूरी तरह टूट गई है. सीधे तौर पर 50 हजार से अधिक मजदूर प्रभावित हुए हैं.