झालावाड़. दरअसल जिले के बाजनपुरा गांव के रहने वाले बालचंद को अफीम अधिकारी ने अफीम की खेती का पट्टा दिया था. साथ ही बालचंद अन्य किसानों की अफीम की तुलाई का काम भी किया करता था, लेकिन उसने अपने पट्टे की अफीम में मिलावट कर विभाग को सौंप दी. वहीं विभाग को अफीम में मिलावट होने का संदेह हुआ. जिसके बाद उन्होंने इसका रासायनिक परीक्षण करवाया. जिसमें मिलावट पाई गई.
विभाग को ही मिलावटी अफीम बेचने वाले किसान को 10 साल की सजा
झालावाड़ के एनडीपीएस कोर्ट के न्यायाधीश ने अफीम विभाग को मिलावटी अफीम सौंपने वाले किसान को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है.
विभाग को ही मिलावटी अफीम बेचने वाले किसान को 10 साल की सजा
जिसके बाद आरोपी के खिलाफ सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स विभाग की ओर सो प्रकरण बनाया गया. जिसके बाद बालचंद को कोर्ट में चालान पेश किया गया. बालचंद को अफीम में मिलावट करना और गबन का दोषी मानते हुए 10 साल कारावास की सजा और एक लाख के जुर्माने की सजा सुनाई गई.इसके अलावा किसान को एक अन्य थारा में भी 3 साल की सजा सुनाई है. दोनों सजा साथ-साथ चलेगी.