जालोर. कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई. लाखों लोगों की नौकरियां चली गई. वहीं स्थानीय स्तर पर भी हजारों लोगों के रोजगार छीन गया. इसके अलावा टिड्डी के बार-बार धावा बोलने से खेतों में खड़ी करोड़ों की फसल का नुकसान हो गया. जिसके कारण किसानों और व्यापारियों की कमर पहले ही टूटी हुई थी.
अब नेशनल हाइवे अथॉरिटी और भारतमाला परियोजना के तहत सड़क का निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते 1000 से ज्यादा लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है. जिसके कारण व्यापारियों ने अपने रोजगार को बचाने के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया है, लेकिन अधिकारियों ने व्यापारियों को आश्वासन के झुनझना थमा कर शांत किया जा रहा है. ऐसे में अब व्यापारी अपने रोजगार को छिनता देख रहे हैं.
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व्यापारियों ने बताया कि बाड़मेर जालोर जिले की सीमा पर बेड़िया गांव में नेशनल हाइवे के लिए जमीन अवाप्त की गई, तो खुशी हुई थी कि गांव में से नेशनल हाइवे का निर्माण होगा और गांव का विकास होगा, लेकिन यह विकास तबाही लेकर आया. बेड़िया गांव के बाजार के बीचों बीच से निकले हाइवे के दोनों तरफ जाली लगाकर बंद किया जा रहा है. वहीं हाइवे के पास में सर्विस रोड भी नहीं बनाई है. जिसके कारण बाजार पूरी तरह से बंद होते देखकर व्यापारी जागे और विरोध शुरू किया.
3 दिन तक बेड़िया बाजार बंद रखा तो चितलवाना एसडीएम और नेशनल हाइवे अथॉरिटी के अधिकारी आए और आश्वासन देकर गए कि जाली नहीं लगाएंगे, लेकिन यह बात व्यापारियों ने लिखित में मांगी तो दूसरे दिन देने की बात कही, लेकिन बात को अब 5 दिन बीतने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया.
व्यापारियों ने बताया कि हाइवे के किनारे हमारी करीबन 600 से ज्यादा दुकानें हैं, जो जाली लगाने के बाद पूरी तरह से बंद हो जाएगी. उन्होंने बताया कि हाइवे की सड़क के किनारे जाली लगाई जा रही है, जबकि पास में सर्विस रोड भी नहीं बनाई गई है. ऐसे में जाली लगाने के बाद दुकानों में सामान लाने ले जाने के लिए कोई गली नहीं रहेगी. जिसके कारण दुकानों को बंद करने की नौबत आ जायेगी. अगर ऐसा होता तो बाजार में काम करने वाले करीबन 1000 से ज्यादा लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो जाएगा.
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