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Special: व्यापारियों के लिए मुसीबत बना National highway 925-A, रोजगार पर गहराया संकट

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Published : Aug 18, 2020, 8:42 PM IST

जालोर और बाड़मेर की सीमा पर बेड़िया कस्बे में से निकल रहा है, नेशनल हाइवे 925-ए व्यापारियों के लिए तबाही लेकर आया है. कस्बे के बीचों-बीच से निकल रहे इस हाइवे को दोनों तरफ जाली लगाकर पैक किया जा रहा है. जिसके कारण करीब 600 से ज्यादा छोटी बड़ी दुकानों पर ताले लटकाने की नौबत आ गई है.

National Highway 925-A Jalore, नेशनल हाइवे अथॉरिटी जालोर
मुसीबत बना National highway 925-A

जालोर. कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई. लाखों लोगों की नौकरियां चली गई. वहीं स्थानीय स्तर पर भी हजारों लोगों के रोजगार छीन गया. इसके अलावा टिड्डी के बार-बार धावा बोलने से खेतों में खड़ी करोड़ों की फसल का नुकसान हो गया. जिसके कारण किसानों और व्यापारियों की कमर पहले ही टूटी हुई थी.

मुसीबत बना National highway 925-A

अब नेशनल हाइवे अथॉरिटी और भारतमाला परियोजना के तहत सड़क का निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते 1000 से ज्यादा लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है. जिसके कारण व्यापारियों ने अपने रोजगार को बचाने के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया है, लेकिन अधिकारियों ने व्यापारियों को आश्वासन के झुनझना थमा कर शांत किया जा रहा है. ऐसे में अब व्यापारी अपने रोजगार को छिनता देख रहे हैं.

दुकानों पर ताला लटकाने की नौबत

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व्यापारियों ने बताया कि बाड़मेर जालोर जिले की सीमा पर बेड़िया गांव में नेशनल हाइवे के लिए जमीन अवाप्त की गई, तो खुशी हुई थी कि गांव में से नेशनल हाइवे का निर्माण होगा और गांव का विकास होगा, लेकिन यह विकास तबाही लेकर आया. बेड़िया गांव के बाजार के बीचों बीच से निकले हाइवे के दोनों तरफ जाली लगाकर बंद किया जा रहा है. वहीं हाइवे के पास में सर्विस रोड भी नहीं बनाई है. जिसके कारण बाजार पूरी तरह से बंद होते देखकर व्यापारी जागे और विरोध शुरू किया.

विरोध में उतरे ग्रामीण

3 दिन तक बेड़िया बाजार बंद रखा तो चितलवाना एसडीएम और नेशनल हाइवे अथॉरिटी के अधिकारी आए और आश्वासन देकर गए कि जाली नहीं लगाएंगे, लेकिन यह बात व्यापारियों ने लिखित में मांगी तो दूसरे दिन देने की बात कही, लेकिन बात को अब 5 दिन बीतने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया.

जाली लगाने से दुकानदारों के लिए खड़ी हुई समस्या

व्यापारियों ने बताया कि हाइवे के किनारे हमारी करीबन 600 से ज्यादा दुकानें हैं, जो जाली लगाने के बाद पूरी तरह से बंद हो जाएगी. उन्होंने बताया कि हाइवे की सड़क के किनारे जाली लगाई जा रही है, जबकि पास में सर्विस रोड भी नहीं बनाई गई है. ऐसे में जाली लगाने के बाद दुकानों में सामान लाने ले जाने के लिए कोई गली नहीं रहेगी. जिसके कारण दुकानों को बंद करने की नौबत आ जायेगी. अगर ऐसा होता तो बाजार में काम करने वाले करीबन 1000 से ज्यादा लोगों के रोजगार पर संकट खड़ा हो जाएगा.

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दुकानों पर ताला लटकाने की आएगी नौबत

नेशनल हाइवे 925 ए के निर्माण में बेड़िया कस्बे में फोर लेन बनाकर रास्ता चौड़ा तो कर दिया, लेकिन रास्ते के बाहर सर्विस रोड नहीं बनाई और जो सड़क फोर लेन बनाई है, वो भी जाली लगाकर बंद कर रहे हैं. जिसके कारण व्यापारियों के सामने परेशानी खड़ी हो रही है कि अपनी दुकानों में सामान कैसे लेकर जाएंगे.

व्यापारियों की मांग, जाली बिल्कुल हटाएं या सर्विस रोड दें

जाली लगाने की जानकारी मिलने के बाद व्यापारियों ने बेड़िया कस्बा बंद करके 3 दिन तक विरोध प्रदर्शन किया था. जिसमें व्यापारियों ने उच्च अधिकारियों से मांग रखी थी कि जाली पूरी तरह से हटाई जाए या बेड़िया कस्बे में सर्विस रोड बनाई जाए, लेकिन व्यापारियों की दोनों मांगों को लेकर नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. ऐसे में अब व्यापारी आशंकित है कि इस मामले में आखिर होगा क्या?

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सर्वे में रखी खामियों के कारण हुई समस्या

नेशनल हाइवे 925-ए के सर्वे के समय बेड़िया सहित अन्य बड़े कस्बों में फोर लेन सड़क तो बना दी, लेकिन सुरक्षा के लिए जाली भी लगाई, लेकिन सर्विस रोड नहीं बनाई गई. जिसके कारण अब व्यापारी परेशान हैं.

व्यापारी दिलीप पुंगलिया ने बताया व्यापारियों ने जमीन कवर्ड करवाकर करोड़ों रुपये खर्च कर दुकानें बनाई है, और अब अगर जाली लगने के बाद अगर दुकान बंद होती हैं, तो करोड़ों का नुकसान होने के साथ 1000 से ज्यादा युवाओं के रोजगार पर भी संकट खड़ा होगा.

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