जैसलमेर.राजस्थान के किले, महल, हवेलियां और इनकी खूबसूरती की पूरी दुनिया दिवानी है. इन दिनों जैसलमेर का एक स्कूल भी चर्चा में हैं. यह स्कूल जैसलमेर में कनोई गांव में स्थित है. इसकी खास बात यह है कि स्कूल का डिजाइन संसद भवन जैसा है जो लोगों को अपना मुरीद बना रहा है.
तपते रेगिस्तान में बना यह स्कूल भवन वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है. रेत के समंदर के बीच जैसलमेर के कनोई गांव में बने इस खूबसूरत स्कूल का नाम राजपरिवार की रत्नावती भाटी के नाम पर रखा गया है, राजकुमारी रत्नावती बालिका विद्यालय कनोई.
स्कूल पीले बलुआ पत्थर से बना है, और आश्चर्यजनक रूप से, कोई एयर कंडीशनर नहीं है अंडाकार है विद्यालय भवन
इस अंडाकार विद्यालय भवन में लड़कियों के पढ़ने के लिए सारे इंतजाम किए गए हैं. स्कूल को बनाने का मकसद है कि इलाके की गरीब लड़कियों को अच्छी और गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके.
राजकुमारी रत्नावती बालिका विद्यालय को पीले बलुआ पत्थरों से बनाया गया है. तपते रेगिस्तान में बना यह स्कूल भवन अपने आप में वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है.
कनोई गांव में लड़कियों को शिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से खोला गया है ये स्कूल गर्मी से बचने के लिए इसमें कोई AC नहीं है पर बनावट ऐसी है कि जालीदार दीवारें और हवादार छत विपरीत मौसम में भी सुकून देती है.
स्कूल में बेटियां भरती हैं अपने सपनों की उड़ान कोविड के चलते पढ़ाई अब तक शुरू नहीं हो पाई जानकारी के अनुसार मार्च 2021 से स्कूल में पढ़ाई शुरू होनी थी, लेकिन कोविड के चलते पढ़ाई अब तक शुरू नहीं हो पाई. शुरू होने से पहले ही यह स्कूल अपनी डिजाइन से सबका दिल जीत रहा है. बालवाड़ी से लेकर कक्षा 10 तक की 400 से अधिक लड़कियां पढ़ती हैं इस स्कूल में जैसलमेर में इस तरह के स्कूल की कल्पना का सच में साकार होना सभी को हैरान कर रहा है. लोग सोशल मीडिया पर इस स्कूल की तस्वीरें जमकर शेयर कर रहे हैं.
यहां, छात्र चरम मौसम की चिंता किए बिना संरक्षित आंगन में भी अध्ययन कर सकते हैं और खेल सकते हैं