जैसलमेर. करीब चार साल पहले जैसलमेर घूमने आए बाइक रेसर अस्बाक (Bike Rider Asbak High Profile Murder Case) मौन की संदिग्ध दशा में मौत के मामले पुलिस मर्डर की मास्टर माइंड अस्बाक की पत्नी सुमेरा परवेज को गिरफ्तार कर लिया है. हत्या में शामिल उसके दो दाेस्तों को करीब दो साल पहले पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. हत्या के बाद मास्टर माइंड सुमेरा को पकड़ने का लगातार प्रयास किया जा रहा था लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रही थी. पुलिस ने उसे आखिरकार आरोपी महिला को पकड़ ही लिया.
बेंगलुरु निवासी बाइक रेसर अस्बाक मौन धारोट 11 अगस्त 2018 को बैंगलुरू से अपने साथी संजय कुमार, विश्वास एसडी और अब्दुल साबिक के साथ जैसलमेर के लिए रवाना हुआ था. 14 व 15 अगस्त को अस्बाक की अपनी पत्नी सुमेरा परवेज से बात भी हुई थी. 17 अगस्त को अस्बाक का शव शाहगढ़ इलाके में रेत के धोरों के पास संदिग्ध अवस्था में मिला, जिसके बाद पत्नी सुमेरा परवेज अपने पिता के साथ जैसलमेर आई और पुलिस रिपोर्ट में मर्ग दर्ज करवाई जिस पर पुलिस ने जांच कर इसे दुर्घटना मान फाइनल रिपोर्ट तैयार कर फाइल बंद करने की तैयारी कर ली थी.
इसी बीच मृतक अस्बाक की मां और उसके भाई ने एक परिवाद भेजकर अस्बाक मौन की मौत पर शक जाहिर किया. इस पर परिवाद में अंकित बिंदुओं पर जांच कर जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ अजयसिंह की ओर से इस मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू करवाई गई जिसमें सभी परतें खुल गईं.
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पुलिस जांच के बाद लगा रही थी एफआर
अस्बाक की मौत के मामले में पुलिस की ओर से मर्ग दर्ज कर फाइल बंद करने की तैयारी की जा रही थी. सुमेरा परवेज की ओर से पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया था कि जैसलमेर आने के बाद अस्बाक से दो बार बात हुई थी, लेकिन 16 अगस्त को उसे फोन करके बताया गया कि जैसलमेर में शाहगढ़ क्षेत्र में घूमने के लिए गए थे और वहां अस्बाक लापता हो गया. यहां आकर पुलिस के साथ उसकी तलाश की गई तो उसका शव शाहगढ़ क्षेत्र में मिला. सुमेरा ने पुलिस को दी रिपोर्ट दी उसमें बताया संभवतया रास्ता भटक जाने के बाद भूख-प्यास से अस्बाक की मौत हुई होगी. इसलिए अपने पति की मौत पर उसे किसी पर कोई शक नहीं है.
गर्दन पर लगी थी चोट, आदमी हिल तक नहीं सकता, लेकिन खड़ी बाइक व टंगे हैलमेट से बदला मामला
सबसे चौंकाने वाला मामला यह सामने आया कि पोस्टमार्टम में अस्बाक की मौत की वजह गर्दन पर चोट लगने से होना बताया था, लेकिन उसकी पत्नी ने रिपोर्ट में बताया कि संभवत: भूख-प्यास से मौत हुई होगी. इस दौरान मर्ग दर्ज कर लिया गया. मामले में जब एसपी डॉ. अजयसिंह के पास मर्ग की फाइल बंद करने के लिए पहुंची तब उन्होंने फाइल पर गौर किया और दोबारा से मामले की तह तक पहुंचने के निर्देश दिए. फाइल में जो फोटो लगा था जिसमें बाइक खड़ी थी, हेलमेट बाइक के हैंडल पर टंगा हुआ था और शव बाइक के पास ही पड़ा था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो गर्दन की चोट बताई गई थी उस चोट के लगने के बाद व्यक्ति बिल्कुल मूवमेंट भी नहीं कर सकता. ऐसे में एसपी डॉ अजयसिंह को संदेह हुआ कि यदि एक्सीडेंट भी हुआ है तो इतनी भयानक चोट में उस व्यक्ति ने बाइक को स्टैंड पर कैसे खड़ा कर दिया. यहीं से फाइल री-ओपन हो गई.
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