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Special : ट्रेनी IPS ने संभाली कमान और चंदवाजी थाने में बना दिया राजस्थान का पहला ई-मालखाना

राजस्थान का पहला साफ-सुथरा, व्यवस्थित व डिजिटल मालखाना जयपुर ग्रामीण के चंदवाजी थाने में बनाया गया है. हालांकि, करीब डेढ़ माह पहले यह मालखाना भी प्रदेश के दूसरे थानों के मालखाने जैसा ही बेतरतीब और अव्यवस्थित था, लेकिन अब न केवल प्रदेश बल्कि देश के ज्यादातर थानों के लिए ये एक मिसाल बन गया है.

Rajasthan first e malkhana
Rajasthan first e malkhana

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 9, 2023, 2:23 PM IST

राजस्थान का पहला व्यवस्थित व डिजिटल मालखाना

जयपुर.राजस्थान में थानों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक कई नवाचार हो रहे हैं. पुलिस को अत्याधुनिक संसाधनों और तकनीक से लैस किया जा रहा है, लेकिन थाने का सबसे अहम हिस्सा माना जाने वाला मालखाना अभी तक इससे महरूम था. जयपुर ग्रामीण के चंदवाजी थाने में बना प्रदेश का पहला ई-मालखाना अब न केवल प्रदेश, बल्कि देश के ज्यादातर थानों के लिए एक मिसाल बन गया है. इसके पीछे युवा आईपीएस अधिकारी की सोच और थाने के स्टाफ की करीब डेढ़ महीने की मेहनत लगी है.

दरअसल, दो माह पहले चंदवाजी थाने की कमान आईपीएस अधिकारी (ट्रेनी) मनीष कुमार को सौंपी गई. ऐसे में पहले ही सप्ताह में उन्हें अहसास हुआ कि थाने में दर्ज मुकदमों की अदालती कार्रवाई में अपनी अहम भूमिका निभाने वाला मालखाना बुरी स्थिति में है, जहां रखा सामान इतना बेतरतीब है कि कई घंटों की मेहनत के बाद भी वो सामान नहीं मिल पाता है. इस समस्या के समाधान के लिए आईपीएस अधिकारी मनीष कुमार ने मालखाने के दशा को हमेशा के लिए बदलने का फैसला किया.

ई मालखाने के ये होंगे फायदे

चंदवाजी थाने के प्रभारी मनीष कुमार का कहना है कि जब दो महीने पहले उन्होंने ट्रेनिंग के लिए चंदवाजी थाने की कमान संभाली तो मालखाने में सामान अस्त-व्यस्त और बिखरा रहता था. जो सामान जिस समय चाहिए होता था. उसे ढूंढ़ने ने कई घंटे लग जाते थे. बेतरतीब तरीके से सामान रखा होने से उनकी सील टूटने का भी खतरा रहता था. इसलिए सबसे पहले मालखाने को रैक्स में व्यवस्थित तरीके से रखा गया है. बाकायदा इन रैक्स पर नाम और नंबर अंकित किए गए हैं, जिनमें सामान को बॉक्स में सॉर्ट करके रखा गया है.

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पहले रजिस्टर में दर्ज, अब डिजिटल एंट्री -केस प्रॉपर्टी का विवरण आमतौर पर मालखाना रजिस्टर में ही दर्ज किया जाता है. ऐसे में रजिस्टर में पुराने सामान के बारे में जानकारी ढूंढना, उसके वर्तमान स्टेटस के बारे में जानना और पूरे माल का एनालिसिस करना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में चंदवाजी थाने के मालखाने का पूरा रिकॉर्ड डिजीटल किया गया है. इससे सामान से जुड़ी जानकारी की मॉनिटरिंग करने के लिए सॉर्ट और फिल्टर करना आसान होता है.

राजस्थान का पहला ई मालखाना

एक टच पर मिलेगी जानकारी -मालखाने के सामान की पूरी जानकारी डिजिटल फॉर्मेट में दर्ज करने के बाद रिकॉर्ड और सामान को इंटीग्रेट करने के लिए क्यूआर कोड का भी इस्तेमाल किया गया है. इससे अब थाने का स्टाफ एक टच से ही मालखाना रिकॉर्ड में सामान की एंट्री कर सकेगा. किसी पुराने माल की जानकारी भी आसानी से मिल सकेगी. किस तरह का या किस धारा के केस से जुड़ा कितना सामान मालखाने में रखा है. इसके बारे में भी एक क्लिक पर जानकारी मिल सकेगी.

मुकदमे से जुड़ी हर चीज रखी जाती है मालखाने में -दरअसल, मालखाना पुलिस थाने का एक खास कमरा होता है. जिसमे निगरानी के तहत पुलिस द्वारा बरामद की गई सामग्री, चोरी का माल और किसी भी अपराध के संबंध में जुटाए गए सबूत रखे जाते हैं. यह सामग्री जरूरत पड़ने पर अदालती प्रक्रिया में प्रयोग ली जाती है. आपराधिक मामलों की जांच और मुकदमों में यह सामग्री काम आती है. ऐसे में मालखाना आपराधिक न्याय प्रणाली की एक खास कड़ी होता है.

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