सांसद हनुमान बेनीवाल के आश्वासन पर टंकी से उतरे छात्र जयपुर. राजस्थान में छात्र संघ चुनाव को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. छात्र नेता मंगलवार रात यूनिवर्सिटी कैंपस में ही बनी पानी की टंकी पर जा चढ़े. जिनसे देर रात आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने मोबाइल से वार्ता कर समझाइश की और छात्र संघ चुनाव कराए जाने की मांग पुरजोर तरीके से सरकार के समक्ष रखने का आश्वासन दिया. जिसके बाद छात्र पानी की टंकी से नीचे उतरे. उधर, भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेताओं की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है. अब तक 9 छात्र अस्पताल पहुंच चुके हैं. वहीं कुछ छात्र नेता बुधवार सुबह भी भूख हड़ताल पर डटे हैं.
शनिवार को छात्र संघ चुनाव को लेकर उच्च शिक्षा विभाग की बैठक में प्रदेश के विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाने की बात कही थी. जिस पर राज्य सरकार ने इस सत्र 2023-24 छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाने का फैसला लिया. हवाला दिया कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन हो रहा है. चुनाव से पहले ही धनबल और बाहुबल का उपयोग हो रहा है. नई एजुकेशन पॉलिसी लागू होने में भी असुविधा हो रही है. इस फैसले के बाद से छात्र नेता लगातार आंदोलनरत है. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपतियों ने राज्य सरकार को गलत रिपोर्ट दी है.
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वहीं भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की भी सुध नहीं लिए जाने से नाराज आरएलपी के दो छात्र नेता मंगलवार रात यूनिवर्सिटी कैंपस में ही पानी की टंकी पर चढ़ गए. जिन्हें सांसद हनुमान बेनीवाल ने मोबाइल पर वार्ता कर आश्वस्त किया कि इस संबंध में उच्च शिक्षा मंत्री से बातचीत करेंगे. उसके बाद छात्र पानी की टंकी से नीचे उतरे. टंकी पर चढ़े छात्र नेता मनोज भुदौली ने बताया कि भूख हड़ताल पर बैठे छात्र साथी लगातार बीमार हो रहे हैं. परंतु सरकार और प्रशासन सुनवाई नहीं कर रही है इसलिए पानी की टंकी पर चढ़ने का फैसला लिया गया था. आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने उनसे मोबाइल पर वार्ता की. जिसके बाद वो टंकी से नीचे उतरे और अब उनकी (सांसद बेनीवाल) वार्ता उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव से होगी. जिसमें भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेताओं का पूरा प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए जाएगा.
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वहीं विवेकानंद पार्क में अभी भी हरफूल चौधरी, मोहित यादव, महेश चौधरी, गोविंद मिलिंडा, हरकेश चौधरी, नीरज खीचड़ और शुभम रेवाड़ भूख हड़ताल पर डटे हुए हैं. बारिश के बीच टेंट के नीचे दिन-रात धरने पर बैठे छात्र नेताओं ने कहा कि सरकार की ओर से अब तक सुध नहीं ली गई है और न ही विश्वविद्यालय प्रशासन स्थिति को संभाल रहा है. सरकार ने जो तानाशाही वाला आदेश लागू किया है, उसे वापस लें और छात्रों की मांगें सुनें. उन्होंने चेतावनी दी कि फिलहाल भूख हड़ताल पर बैठे हैं, सुनवाई नहीं होती है तो आगे उग्र आंदोलन भी किया जाएगा, लेकिन अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे.