जयपुर. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ 1 दिन का अनशन किया. पायलट के इस अनशन से कांग्रेस में तो खलबली है ही, बीजेपी भी अब इस पूरे मामले पर डिफेंसिव हो रही है. बीजेपी ने सचिन पायलट के अनशन पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में बेरोजगारों के साथ पेपर लीक के नाम पर अन्याय हुआ. हर दिन 100 से ज्यादा महिलाओं के साथ हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. किसान कर्ज माफी नहीं होने पर आत्महत्या कर रहा है. इन मुद्दों पर पायलट ने अनशन क्यों नहीं किया? बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मंगलवार को बीजेपी मुख्यालय पर मीडिया से रूबरू हुए और उन्होंने पायलट के अनशन को कांग्रेस का मिलाजुला खेल बताया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने जो साढ़े 4 साल में अन्याय भुगता है, उस पर आखिर इतने दिन तक पायलट चुप क्यों थे? क्या भाव तोल कर रहे थे?
अन्याय के खिलाफ करते अनशनः राज्यवर्धन ने कहा कि आखिर इतने दिन तक प्रदेश की जनता जिस तरह से त्रस्त रही, उस पर सचिन पायलट खामोश क्यों थे और अब जब साढ़े 4 साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है तो आरपार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं. अगर पायलट को अनशन करना ही था, तो प्रदेश में पेपर लीक के नाम पर बेरोजगारों के साथ जो अन्याय हुआ है उस पर करते, महिलाओं के साथ जो हिंसा घटनाएं हर दिन 100 से ज्यादा हो रही हैं. उस पर अनशन करते, हर दिन 15 से ज्यादा महिला और बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही हैं, उस पर अनशन करना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की वादाखिलाफी के चलते कर्ज में डूबे किसान जब आत्महत्या कर रहे हैं, तो उस समय पायलट को अनशन करना चाहिए था. आखिर इतने दिन तक किस मोल भाव में पायलट लगे हुए थे. इसका जवाब भी उन्हें देना चाहिए? राठौड़ ने पूछा कि जब उदयपुर के कन्हैयालाल की हत्या की गई, तब उन्होंने अनशन क्यों नहीं किया था. जब कुछ हाथ नहीं लगा, तो पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगा रहे हैं.