जयपुर. 3 दिसंबर यानि रविवार को राजस्थान विधानसभा चुनाव से जुड़े नतीजे का एलान होने वाला है. इससे पहले एग्जिट पोल के आंकड़ों को लेकर प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों में खलबली मची हुई है. शुक्रवार से लेकर शनिवार सुबह की शुरुआत तक भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रमुख नेता अपने ही दलों के बागी, निर्दलीय प्रत्याशी और छोटे राजनीतिक दलों से संपर्क में लगे रहे. माना जा रहा है कि बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस मर्तबा दोनों ही दलों को बाहर से सहायता प्राप्त करनी होगी.
गहलोत का फीडबैक प्रोग्राम जारी : एग्जिट पोल के आंकड़ों में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस टक्कर की स्थिति में नजर आ रही है. यही वजह है कि बीते दो दिनों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सरकारी बंगले पर संपर्क साधने के दौर को तेज कर दिया. गहलोत ने शुक्रवार देर शाम बाद पार्टी के नेताओं से भी मुलाकात की थी. कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों ने ईटीवी भारत के स्थानीय संपर्क सूत्रों से नाम न छापने की शर्त पर यह बताया कि उनसे समर्थन के लिए एक प्रमुख राजनीतिक दल से फोन आया था. इसके अलावा बागी प्रत्याशियों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि पार्टी नेतृत्व ने टिकट बंटवारे में उन्हें नजर अंदाज किया, पर अब भी उन्हें सत्ता की भागीदारी में साथ रखना चाहते हैं.
ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने 12 के करीब बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों से संपर्क किया है. इसके अलावा वागड़ में एक नई राजनीतिक दल को भी संपर्क में रखने की कोशिश की गई है. शुक्रवार को जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर स्पीकर सीपी जोशी, मंत्री ममता भूपेश, कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा, शिखा बराला, सुरेश मोदी, सीताराम अग्रवाल और रघु शर्मा सहित करीब दो दर्जन उम्मीदवारों ने अपने संभावित रिजल्ट का फीडबैक सीएम अशोक गहलोत को दिया. इस दौरान ज्यादातर नेताओं ने अपनी जीत का आंकड़ा बताया. बीते 24 घंटे में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से 30 से ज्यादा प्रत्याशियों ने मुलाकात की है. इन हालात के बीच पार्टी का वॉर रूम भी एक्टिव नजर आ रहा है.