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NIRF रैंकिंग में टॉप 200 में भी जगह बनाने में नाकाम रहा राजस्थान विश्वविद्यालय

राजस्थान विश्वविद्यालय इस बार की रैकिंग में टॉप 200 में भी जगह नहीं बना पाया. जबकि बिट्स पिलानी को 39वां रैंक मिला तो वहीं वनस्थली विद्यापीठ को 87वीं रैंक हासिल हुई है.

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Published : Apr 9, 2019, 5:59 PM IST

NIRF रैंकिंग में टॉप 200 में भी जगह नहीं बना पाया RU

जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े राजस्थान विश्विद्यालय का स्तर लगातार घटता जा रहा है. हाल ही में जारी हुई मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से एनआईआरफ रैकिंग में राजस्थान विश्वविद्यालय टॉप 100 में भी जगह नहीं बना पाया है.

इतना ही नहीं राजस्थान यूनिवर्सिटी का टॉप 200 में भी स्थान नहीं है. राजस्थान के दो मात्र विश्विद्यालय हैं जिन्होंने एनआईआरफ रैकिंग की टॉप 100 में रैंकिंग हासिल की है. इनमें बिट्स पिलानी को 39 वां रैंक मिला तो वहीं वनस्थली विद्यापीठ को 87वीं रैंक हासिल हुई है.

NIRF रैंकिंग में टॉप 200 में भी जगह नहीं बना पाया RU

एनआईआरफ रैकिंग में राजस्थान विश्वविद्यालय में पिछले साल 179वें स्थान पर था. जो इस बार लुढ़क कर टॉप 200 की सूची से भी बाहर हो गया है. रैकिंग की शुरूआत के साथ ही 2016 में टॉप 100 रैंकिंग में प्रदेश के 7 संस्थानों ने जगह बनाई थी लेकिन वह लगातार घटते हुए 2019 में अब 2 तक पहुंच कर रह गई है. इसमें भी प्रदेश के राज्य सरकार की ओर से संचालित विश्वविद्यालय में से एक भी जगह नहीं बना पाया.

ऐसे तय होती है रैकिंग-
रैकिंग एनआईआरएफ विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर, लॉ, मेडिकल सहित 9 क्षेत्रों में यह रैंकिंग जारी करता है. जिसमें शैक्षणिक संस्थान के शिक्षा स्तर के साथ ही फैकल्टी, छात्र-शिक्षक अनुपात, शोध, प्रोफेशनल प्रैक्टिस, परीक्षा के नतीजे, रोजगार की स्थिति जैसे बिंदुओं के आधार पर रैकिंग तय करता है.

राजस्थान विश्वविद्यालय ने गत 2015 में रोजगार मेला लगाया था. इसमें करीब 450 विद्यार्थियों को रोजगार मिला था. इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय ने प्लेसमेंट कैंप नहीं लगाया है. वहीं राजस्थान विश्वविद्यालय में बढ़ता छात्र शिक्षक अनुपात, समय पर कक्षाएं नहीं लगने से गिरते शिक्षा के स्तर ने इस बार भी राजस्थान विश्वविद्यालय की एनआईआरफ रैकिंग में गिरावट लाई है. ऐसे में रैकिंग गिरने से विश्वविद्यालय को एमएचआरडी से मिलने वाले फंड में भी कटौती होने की संभावना है.

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