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World Tourism Day 2020 : ऐतिहासिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम राजस्थान

बात पर्यटन की हो और राजस्थान का जिक्र ना हो, ऐसा कैसे हो सकता है. 'पधारो म्हारे देश' की परंपरा वाला राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से भारत के साथ-साथ विश्व में सबसे लोकप्रिय स्थानों में से है. जयपुर दुनिया भर के उन शहरों में शुमार है, जो अपना अलग ऐतिहासिक महत्व रखते हैं. तो चलिए देखते हैं राजस्थान की एक झलक इस खास रिपोर्ट में...

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विश्व पर्यटन दिवस

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Published : Sep 27, 2020, 4:54 PM IST

जयपुर. 'पधारो म्हारे देश की परंपरा वाला राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से भारत के साथ-साथ विश्वभर में सबसे लोकप्रिय स्थानों में से है. राजस्थान अपनी ऐतिहासिक विरासत, संस्कृति, परंपरा और व्यंजनों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यहां के किले, महल, दरवाजे, बाजार, हर रास्ते सैकड़ों साल पुरानी विरासत को अपने अंदर समेटे हुए हैं. इसी के साथ यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी लोगों के दिलों और यादों में बस जाती है. यहां एक ओर थार के रेगिस्तान तो हैं तो वहीं माऊंट आबू की दिलकश और खूबसूरत वादियां भी हैं. आज राजस्थान की खूबसूरती का डंका देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में बज रहा है. इसका प्रमाण है भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में शुमार गुलाबी नगरी जयपुर, जिसे यूनेस्को ने इसी साल वर्ल्ड लीविंग हेरीटेज सिटी का दर्जा दिया है.

विश्व पर्यटन दिवस विशेष

राजस्थान की कई जगहों जैसे चित्तौड़ किला जो दुनियाभर में कुछ गिने चूने लीविंग फोर्ट्स में से एक है, कुम्भलगढ़ दुर्ग, रणथम्भौर दुर्ग, जैसलमेर दुर्ग, आमेर किला, गागरोन किला, जन्तर-मन्तर, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को भी विश्व विरासत स्थल की सूची में शुमार किया गया है. इतना ही नहीं, राजस्थान में धार्मिक पर्यटक भी काफी संख्या में आते हैं. हिन्दू देवता ब्रह्मा का दुनिया में एकमात्र मंदिर अजमेर जिले के पुष्कर में है. वहीं, अजमेर दरगाह में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की मजार भी है. इसी के साथ राजस्थान में जैन धर्म के भी कई बड़े तीर्थ स्थल हैं.

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प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राजस्थान...

राजस्थान अपने नेशनल पार्कों के लिए भी जाना जाता है. यहां 5 राष्ट्रीय उद्यान हैं, जिनमें रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान दुनियाभर में अपने बाघों के लिए जाना जाता है. राजस्थान के हर रंग, हर दृश्य में आपको राजशाही ठाठ-बाट की झलक देखने को मिलेगी. यहां आप केमल सफारी, शाही ट्रेनें, हाथी की सवारी का लुत्फ ले सकते हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां 2009 में रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स ट्रेन की शुरुआत की गई थी, जो आज भी चल रही है. इसके अलावा पैलेस ऑन व्हील्स की शुरुआत सन 1962 में ही की गई है. साल 2010 में इसे दुनिया की सबसे लग्जरी ट्रेन में शुमार किया गया. वहीं, महाराजा एक्सप्रेस की शुरुआत 2010 में की गई है.

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राजस्थान की परंपरा 'पधारो म्हारे देश'...

हर साल लाखों की संख्या में सैलानी राजस्थान घुमने आते हैं. आंकड़ों के अनुसार साल 2015 में यहां साढ़े 3 करोड़ से अधिक पर्यटक आए थे, जिसमें से लगभग 15 लाख विदेशी सैलानी थे. ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. साल 2019 में 5 करोड़ 20 लाख से अधिक पर्यटक राजस्थान घुमने आए थे. राजस्थान में पर्यटन और इसका प्रसार यहां के इतिहास और संस्कृति की तरह विशाल और विस्तृत है. इसके बारे में जितनी चर्चा की जाए, कम है. यहां के राजशाही अनुभव, वीर गाथाएं, परंपरा और संस्कृति आजीवन उनके साथ रहता है. 'पधारो म्हारे देश' की परंपरा के साथ राजस्थान के लोग अतिथि देवो भवः के भावार्थ को हमेशा साकार करते हैं.

कोरोना काल में बिगड़े हालात...

राजस्थान में पर्यटन एक व्यवसाय है. यहां राजस्व का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन से आता है. इसके साथ ही राजस्थान की अर्थव्यवस्था का भी एक हिस्सा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन पर टिका है. यहां हजारों लोगों को पर्यटन और उससे जुड़े व्यवसायों से रोजगार मिलता है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण राजस्थान में पर्यटन पिछले कई महीनों से बंद पड़ा था. हालांकि अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं तो पर्यटक का आना भी वापस शुरू हो गया है.

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