जयपुर. बेनामी संपत्तियां अटैच मामलों में राजस्थान सबसे आगे है. राजस्थान आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट ने बेनामी एक्ट के तहत साल 2017-18 में 200 संपत्तियां अटैच की थी. वहीं, 2018-19 में 194 बेनामी संपत्तिया अटैच की जा चुकी है.
आयकर विभाग के इन्वेस्टिगेशन महानिदेशक सतीश के. गुप्ता ने बताया कि 2017 से 2019 तक 2 साल में राजस्थान बेनामी संपत्ति अटैच मामलों में सबसे अधिक रहा है. उन्होंने बताया कि बहुत से लोग अपने ड्राइवर, माली और नौकर के बैंक अकाउंट बिना बताए उपयोग करते हैं. साथ ही बिना बताए ही उनका पैन कार्ड, आधार कार्ड, पहचान कार्ड भी उपयोग करते हैं और इन्हीं के नाम से संपत्तियां खरीद लेते हैं. इसके जरिए वो अपना काला धन निवेश करते हैं.
एक तिहाई केसों में कई बिल्डर एससी-एसटी एक्ट का उपयोग करके एससी या एसटी के व्यक्ति के नाम से ही संपत्ति खरीद लेते हैं. ऐसे केसों में खरीदने वाला और नामदार दोनों को सजा का प्रावधान है. कोई व्यक्ति अपने पैसों से किसी और के नाम से संपत्ति खरीद रहा है या ट्रांजैक्शन कर रहा है तो उसे बेनामी संपत्ति माना जाता है. अगर कोई व्यक्ति संपत्ति अपने रिश्तेदार के नाम से खरीद रहा है तो उनका जॉइंट नाम होना चाहिए, ऐसा नहीं होने पर उसे बेनामी संपत्ति ही माना जाएगा.
बेनामी संपत्ति अटैच मामलों में राजस्थान सबसे आगे गौरतलब है कि जब से बेनामी एक्ट प्रभावी रूप से लागू हुआ है, राजस्थान आयकर विभाग ने बेनामी एक्ट के तहत दोहरे शतक लगाए हैं. बता दें कि बेनामी एक्ट साल1988 में लागू हुआ था, लेकिन साल 2017 में बेनामी एक्ट प्रभावी तरह से लागू हुआ था.