सत्ता पक्ष के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया वॉकआउट जयपुर.देश में पिछले दिनों हुई फसल खराब का मुद्दा आज विधानसभा में जमकर गूंजा. सोमवार को सदन में किसान को फसल खराबे को लेकर सरकार की ओर से दिए गए जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया और बाद में वॉक आउट कर दिया. विपक्ष का आरोप है सरकार ने किसानों की खराब फसल के मुआवजे के लिए जो आदेश दिए हैं, उसके मापदंड सही नहीं है. 33 फीसदी से कम गिरदावरी करने के निर्देश दिए. जिससे किसानों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल रहा है. विपक्ष के इन आरोपों पर सरकार की ओर से आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा कि सभी जिला कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी गई है. जल्द ही रिपोर्ट आने पर मुख्यमंत्री से बात करके विशेष राहत पैकेज जारी जारी कराया जाएगा.
33 फीसदी से अधिक खराबे पर मिलेगी राहतः आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम ने कहा कि किसानों की फसल खराबे को लेकर सरकार चिंतित है. बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल के नुकसान का आकलन कराने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किए जा चुके. जनवरी से मार्च 2023 तक रबी फसलों में पाला, शीतलहर और ओलावृष्टि से 33% या उससे अधिक खराबा वाले प्रभावित किसानों को एफडीआरएफ के अनुसार सरकार द्वारा उसे तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. समय पर किसान को मुआवजा मिले इसके लिए संबंधित जिला कलेक्टर को निर्देश जारी कर दी है.
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सरकार ने 33 फीसदी से कम की गिरदावरी के आदेशः उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंत्री ने जो जवाब दिया है, उसके अनुसार 17 जनवरी को स्पेशल गिरदावरी कराने के निर्देश जारी हुए हैं, लेकिन उन निर्देशों में कहा गया कि 33 फीसदी से ज्यादा खराबा नहीं दिखाए. एसडीआरएफ का जो पैसा है वह राजस्थान का नहीं बल्कि भारत सरकार का भी है, जिसमें 13,000 करोड़ पड़े हुए हैं. उसके बावजूद भी सरकार किसानों को मुआवजा नहीं दे रही है.राठौड़ ने कहा कि बारिश की वजह से 26 जिलों में किसानों की फसल खराब हुई है. बावजूद सरकार ने अभी तक कोई मुआवजा राशि जारी नहीं की है. राठौड़ ने कहा कि 15 दिन में पैसे देने का घोषणा हुई है, लेकिन उसके बावजूद सरकार पैसे नहीं दे रही है.
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विपक्ष ने किया वॉक आउटः सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने जमकर सदन में हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कॉल सेंटर से किसान को सूचना देनी होती है. कॉल सेंटर से कोई सूचना नहीं दी गई. प्रदेश में आधा दर्जन किसानों की प्राकृतिक आपदा से मौत हो गई, जनवरी में जो गिरदावरी हूई उसका 1 भी रुपया किसान को नहीं मिला है. सरकार गिरदावरी नहीं बल्कि स्पेशल पैकेज की घोषणा करें. राठौड़ ने कहा कि लीपा-पोती वाले बयान नहीं चाहिए, हमें आश्वासन देना पड़ेगा की कब तक किसानों को मुआवजा राशि पहुंच जाएगी. सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और सदन से वॉकआउट कर दिया.
विशेष पैकेज का कैबिनेट में होगा फैसलाः सदन में हंगामे के बीच आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की ओर से जो आरोप लगाए गए हैं, वह गलत है. सरकार ने किसी भी जिला कलेक्टर को ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है जिसमें यह कहा गया हो कि 33 फीसदी से कम खराबा बताएं जो किसानों की फसल का खराब हुआ है. उसका मुआवजा किसानों को मिलेगा. जहां तक विशेष पैकेज की बात है, उसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा करेंगे. जल्दी कैबिनेट में इसको लेकर कोई निर्णय लेंगे. बता दें कि तेज बारिश और ओलावृष्टि से जयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, कोटा,बूंदी, जोधपुर, धौलपुर, भरतपुर, बीकानेर, उदयपुर, सीकर, झुंझुनूं, दौसा, करौली, टोंक, बारां, अलवर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है . खेतों में खड़ी फसल नष्ट और उसे किसान हताश निराश और परेशान हो चुका है.