जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन को 13 सितंबर तक जवाब पेश कर बताने को कहा है कि इस साल प्रदेश के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे हैं. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश महेश चौधरी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने संबंधित अधिकारियों से पूछा है कि क्यों न चुनाव नहीं कराने के लिए गत 12 अगस्त को जारी आदेश को रद्द कर दिया जाए.
याचिका में अधिवक्ता द्रोण यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने गत 12 अगस्त को एक प्रशासनिक आदेश जारी कर इस साल प्रदेश के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का निर्णय ले लिया. याचिका में कहा गया कि विश्वविद्यालय स्वायत्तशासी संस्था है और इसके संबंध में राज्य सरकार कोई भी निर्णय लेकर दखल नहीं दे सकती है. विश्वविद्यालय भी सिंडिकेट बैठक में निर्णय लेकर ही आगे की कार्रवाई कर सकती है. इसके अलावा लिंगदोह कमेटी के तहत यदि छात्रसंघ चुनाव नहीं होते हैं तो प्रशासन को छात्र प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी.