जयपुर.राजस्थान विधानसभा में आज एक बार फिर सभी प्रश्नों के जवाब तय समय में पूरे हो गए. हालत यह हुई की स्पीकर ने खुद सप्लीमेंट्री सवाल कर 12 बजे प्रश्नकाल समाप्त किया. इधर, आज विधानसभा में लगे सवालों में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सतीश पूनिया के सवाल में प्रदेश के बेरोजगारों का जिक्र था. उनके सवाल के जवाब में मंत्री अशोक चांदना ने बेरोजगारी से जुड़े विभिन्न आंकड़ों में प्रदेश के बेरोजगारों की संख्या ज्यादा होने का कारण अपने तर्क से समझाया.
तो ये है मंत्री जी का तर्क- उन्होंने राजस्थान सरकार की ओर से दी जाने वाली 4000 और 4500 रुपये बेरोजगारी भत्ते को बताया. लिखित जवाब में उन्होंने माना कि विभाग बेरोजगारी दर के आंकड़ों को Maintain नहीं किया जाता. साथ ही पूनिया के राजस्थान का बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर किए गए प्रहार पर चांदना ने कहा कि बहुत से प्रदेश ऐसे हैं जिन्होंने 4 साल से अपने डाटा अपडेट ही नहीं किया जिसके कारण वो हम से पीछे चल रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता पहले 3000 और 3500 हजार दिया जाता था, जिसे अब 4000 और 4500 कर दिया गया है. ऐसे में कई बार चाहें बेरोजगार हो या नहीं बहुत बड़ी संख्या में युवा अप्लाई कर देते हैं.
बाधा बने 'नकली बेरोजगार'- चांदना ने आगे कहा कि युवाओं के जरूरत से ज्यादा एप्लीकेशन की वजह से तत्काल पता चलना मुश्किल है. स्क्रूटनी के बाद ही पता चल पाता है कि बेरोजगार कौन है? यही कारण है कि आंकड़ों में संख्या ज्यादा दिखाई देती है. मंत्री ने जवाब में कहा कि प्रदेश में कुल 18,40044 बेरोजगार पंजीकृत हैं जिनमें से पुरुष बेरोजगार 11,22090 और महिला 7,17555 हैं. प्रदेश में अब तक 62,2043 बेरोजगार अभ्यर्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है और वर्तमान में 19,0873 पात्र अभ्यर्थियों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है. इनमें 107431 पुरुष और 83442 महिला शामिल हैं.