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राम के नाम राजनीति कर रही बीजेपी, शंकराचार्य की बात भी नहीं सुन रहे : विनोद जाखड़

राजस्थान के नवनियुक्त एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ ने राजस्थान यूनिवर्सिटी में पहुंच कर RAS अभ्यर्थियों की हड़ताल को समर्थन दिया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार को भी जमकर घेरा.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 14, 2024, 6:58 AM IST

Press conference of NSUI State President
एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष की प्रेस कॉफ्रेंस

एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष की प्रेस कॉफ्रेंस

जयपुर. "लोकसभा चुनाव में बीजेपी का असली चेहरा युवाओं के सामने लाएंगे, क्योंकि हाथी के दांत खाने के और व दिखाने के कुछ और होते हैं. राम के नाम पर वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए." ये कहना है राजस्थान के नवनियुक्त एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ का. शनिवार को पूरे दलबल के साथ विनोद जाखड़ राजस्थान विश्वविद्यालय पहुंचे. यहां भूख हड़ताल पर बैठे आरपीएससी के छात्रों को उन्होंने समर्थन भी दिया. साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव तक एनएसयूआई की आइडियोलॉजी युवाओं तक पहुंचाने के लिए उन्होंने 'कैंपस जोड़ो अभियान' चलाने की बात कही.

झोटवाड़ा विधानसभा सीट से एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी के चुनाव लड़ने के चलते खाली हुई अध्यक्ष पद की सीट पर विनोद जाखड़ को बैठाया गया. राजस्थान विश्वविद्यालय में 2018 में छात्र संघ अध्यक्ष रहे विनोद जाखड़ एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शनिवार को पहली बार यूनिवर्सिटी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि एनएसयूआई का मुख्य काम छात्रों और युवाओं के बीच रहते हुए उनके मुद्दों को आइडेंटिफाई कर, उनकी आवाज उठाने का है. इसके लिए एनएसयूआई एक मेनिफेस्टो तैयार करेगी, फिर उनके मुद्दों और मांगों को मनवाने का काम करेगी.

कैंपस जोड़ो अभियान चलाएंगे : उन्होंने कहा कि एनएसयूआई बेरोजगारी और पेपर लीक जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का काम करेगी. विश्वविद्यालय में अभ्यर्थी आरएएस मुख्य परीक्षा की परीक्षा तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उस लड़ाई में भी एनएसयूआई उनका पूरा समर्थन करती है. आगे राजस्थान में छात्र संवाद करते हुए 'कैंपस जोड़ो अभियान' चलाएंगे. जिस तरह राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब न्याय यात्रा निकाल रहे हैं. उसी तरह से वो हर कैंपस में जाएंगे. वहां छात्रों के जो भी मुद्दे हैं, उन्हें उठाते हुए लड़ाई लड़ेंगे और छात्र हित में फैसला दिलाने का काम करेंगे.

RPSC में बदलाव क्यों नहीं कर रही सरकार ? :जाखड़ ने कहा कि पूरे देश में धर्म की राजनीति की जा रही है. नौजवान कुछ हद तक भ्रमित है, लेकिन आज वो शिक्षित है और समझने लगा है. लोकसभा चुनाव के लिए एनएसयूआई पूरी ताकत से जुटेगी और उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी कैंपस की है. वहां अपनी आइडियोलॉजी को समझाएंगे और विश्वास है कि इसके बाद युवा भारी मतों से लोकसभा चुनाव में उन्हें मत देंगे, क्योंकि जब प्रधानमंत्री यहां आएं तो उन्होंने आरपीएससी में बदलाव की बात कही थी. उस वक्त के नेता प्रतिपक्ष से लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी इसी बात को दोहराया और ये कहते हुए चुनाव भी जीता. अब आरपीएससी वाले बच्चों ने आंदोलन कर रखा है और कोई बदलाव नहीं आया. ऐसे में या तो तब कांग्रेस सही थी और बीजेपी सिर्फ चुनावी मुद्दा बना रही थी और यदि कांग्रेस गलत थी तो आज बीजेपी परिवर्तन करें.

चारों शंकराचार्य की बात नहीं सुन रहे :उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का असली चेहरा युवाओं के सामने रखेंगे कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के कुछ और है. इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम सबके पूजनीय है. अगर किसी एक संगठन या विशेष व्यक्ति के लिए भगवान राम को छोटा कर दिया जाए तो गलत है. चारों शंकराचार्य की बात को कोई नहीं सुन रहा. वो लगातार कहना चाह रहे हैं कि धर्म में राजनीति हो रही है, जबकि राजनीति और धर्म का कोई नाता नहीं है. धर्म आस्था का केंद्र है और यदि धर्म राजनीति को एक पटल पर लेकर आ जाएंगे तो स्वाभाविक सी बात है कि कुछ लोग इस नजर से भी देखेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस परिवार भी खुश है कि अयोध्या में भगवान राम की आस्था का एक मंदिर बना है, लेकिन राम के नाम पर वोट बैंक के राजनीति नहीं होनी चाहिए. एनएसयूआई आज भी उत्सव मना रही है, भविष्य में भी उत्सव मनाएगी, ये उत्सव हर जेनरेशन मनाएगी.

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अपनी ही पूर्ववर्ती सरकार को घेरा : इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव बहुत जरूरी है. पिछले साल चुनाव नहीं हुए ये प्रशासन और सरकार की तानाशाही है. यदि विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष होता है तो सरकार और प्रशासन दोनों पर दबाव होता है. अब निरंकुश होकर प्रशासन आनन-फानन में फैसला ले रहा है. एनएसयूआई पूरे राजस्थान में छात्र संघ चुनाव दोबारा करने की मांग को लेकर आंदोलन करेगी. एनएसयूआई ने पूर्व में अपनी सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोला था.

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