जयपुर. यूथ कांग्रेस और छात्र संगठन एनएसयूआई के चुनाव के जरिए अध्यक्षों की कार्यकारिणी के चुनने की चली आ रही परंपरा पर ब्रेक लग गया हैं. अब इन दोनों ही संगठनों में चुनाव पुराने तरीके से मनोनीत करके ही करवाए जाएंगे. दोनों ही संगठनों में चुनाव की जगह योग्य कार्यकर्ताओं को साक्षात्कार के जरिए सीधे मनोनीत करने की परंपरा अब अमल में लाई जाएगी.
कहा जा रहा हैं कि भविष्य में एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में चुनाव नहीं कराने को लेकर दिल्ली में शीर्ष स्तर पर मंथन पूरा हो चुका हैं और इसके बाद ही कई राज्यों में चुनाव की वजह पदाधिकारियों को मनोनीत करने से अब यह बात लगभग साफ हो चुकी है कि पार्टी के संगठनों में चुनाव नहीं होंगे.
पार्टी सूत्रों की मानें तो हाल ही में दिल्ली में हुई कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक पर इस पर चर्चा भी हो चुकी हैं. जिस पर पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता एकमत हैं. बताया जा रहा हैं कि कांग्रेस में राहुल गांधी के विदेश दौरे से लौटने के बाद इस पर निर्देश भी जारी कर दिए जाएंगे.
NSUI और यूथ कांग्रेस में अब साक्षात्कार के जरिये ही होगा अध्यक्षों का चयन दरअसल एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में पहले भी सीधे योग्य नेताओं को साक्षात्कार के आधार पर अध्यक्ष मनोनीत किया जाता था. इसके बाद अध्यक्ष अपने विवेक से अपनी कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों का मनोनयन करते था. राहुल गांधी के अग्रिम संगठनों का प्रभारी बनने के बाद उन्होंने इन दोनों ही संगठनों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत चुनाव कराने का फार्मूला लागू किया था.
जिसके बाद दोनों संगठनों में चुनाव के जरिए पदाधिकारियों और अध्यक्षों का चुनाव होना शुरू हो गया था. हालांकि कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा शुरू से ही इन संगठनों में चुनाव करने के पक्ष में नहीं रहा और अब एक बात साफ निकल कर आ रही हैं कि एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में चुनाव में धनबल का प्रयोग होता हैं और जो नेता पैसे में कमजोर होता वह चुनाव में भी पीछे रह जाता ऐसे में पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ता धन के अभाव में चुनाव नहीं लड़ पाते और पार्टी से दूर हो जाते थे.
ऐसे ही कार्यकर्ताओं को अब सीधे कांग्रेस पार्टी नियुक्ति देगी. यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई से कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता निकले हैं. जिनमें गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अशोक गहलोत, मनीष तिवारी जैसे प्रमुख नाम हैं.
अब एक बार फिर से जब मनोनयन की प्रक्रिया शुरू होगी तो संभव है कि कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं को आगे आने का मौका मिल सकेगा.