जयपुर.गुलाबी नगरी की पतंगबाजी पूरे देश दुनिया में मशहूर है. जयपुर में पतंगबाजी परवान पर है. रेल पटरी के पास भी कई बार लोग पतंगबाजी करने के लिए पहुंच जाते हैं. ऐसे में रेलवे प्रशासन ने रेल पटरियों के पास पतंगबाजी नहीं करने की अपील की है. क्योंकि पटरियों के पास तारों से पतंग की डोर को छूने से करंट का झटका लग सकता है. मकर संक्रांति पर पतंगबाजी को लेकर उत्तर पश्चिम रेलवे ने आमजन से अपील की है कि रेलवे ट्रैक से दूर रहकर पतंगबाजी करें.
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार जयपुर और आसपास के क्षेत्र में मकर संक्रांति के पर्व पर ज्यादा पतंगबाजी की जाती है. उत्तर पश्चिम रेलवे ने सभी लोगों से अपील की है कि रेल पटरियों के आसपास पतंग नहीं उड़ाएं और ना ही अपने बच्चों को ऐसा करने दें. रेलवे पर रेल लाइनों का तेजी से विद्युतीकरण किया जा रहा है. रेल पटरियों पर या उनके नजदीक पतंग उड़ाना खतरनाक हो सकता है. इससे रेल दुर्घटना हो सकती है. बिजली का करंट भी लग सकता है.
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रेलवे ट्रैक पर विद्युत तारों में 25 हजार वोल्ट का विद्युत प्रवाह: प्रतिवर्ष रेलवे ट्रैक के पास पतंगबाजी के चलते कई लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल में लगभग सभी रेल खंडों पर विद्युत कर्षण पर रेलगाड़ियां संचालित की जा रही हैं. रेलवे ट्रैक के ऊपर गुजर रही विद्युत तारों में 25 हजार वोल्ट की विद्युत का प्रवाह रहता है. इन तारों से पतंग की डोर के संपर्क में आ जाने पर तेज विद्युत का करंट लग सकता है. विशेषकर धातु युक्त मांझे से यह करंट तीव्र गति से झटका पहुंचा सकता है, जो कि जानलेवा भी हो सकता है. साथ ही रेलवे ट्रैक पर गुजर रही तीव्र रेलगाड़ियों से आप दुर्घटना का शिकार भी हो सकते हैं.