जयपुर. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को लेकर नगर निगम ने जोर-शोर से तैयारी कर रहा है. लेकिन डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली कंपनी बीवीजी निगम का साथ नहीं दे रही. बीवीजी कंपनी ने शुक्रवार को एक बार फिर काम बंद कर दिया. कंपनी द्वारा सांगानेर, विद्याधर नगर जोन के सभी वार्डों साथ ही मोती डूंगरी जोन के वार्ड 59 को छोड़कर बाकी सभी वार्ड से दूरी बनाई ली है. जबकि मानसरोवर जॉन के वार्ड 34, सिविल लाइन जोन के वार्ड 15, 16, 17, 18, 21, 22, 27, 28 में डोर टू डोर कचरा संग्रहण नहीं कराया गया. कंपनी द्वारा परिवहन के लिए संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराए गए. जिससे कॉलोनियों में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं. कचरे के ढेर से आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बीते 10 दिन में यह दूसरा मौका है जब कंपनी ने इस तरह से काम बंद किया है.
नगर निगम और बीवीजी कंपनी की टसल के चलते जयपुर बना कचरे का ढेर
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 शुरू होने के बावजूद जयपुर नगर निगम और बीवीजी कंपनी के बीच भुगतान विवाद के कारण स्वच्छता का बड़ा अभियान कचरे के ढेर तले दबता जा रहा है. शहर की गली-गली और सड़कें कचरे से अटी हुई है. नगर निगम और बीवीजी कंपनी के बीच टसल के चलते आधे से ज्यादा शहर में काम बंद कर दिया गया है.
इस संबंध में निगमायुक्त ने एक बार फिर कंपनी को चेतावनी पत्र भेजा है. जिसमें इसे जनता को परेशान करने वाला कृत्य बताते हुए निगम की छवि खराब करने की बात कही है. आयुक्त ने नोटिस में चेताया है कि अब जनता को असुविधा होगी तो उसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी. और इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए काम बंद करने पर नियमानुसार पेनेल्टी लगाने की बात कही है. वहीं निगमायुक्त ने माना कि शहर में सफाई को लेकर इंप्रूवमेंट की गुंजाइश है. डोर टू डोर कचरा संग्रहण को लेकर आमजन में जागरूकता की भी आवश्यकता है.
बता दें कि इससे पहले भी बीते 15 अप्रैल को महापौर विष्णु लाटा और निगम प्रशासन ने सफाई में जुड़े अधिकारियों के साथ बीवीजी कंपनी की बैठक बुलाई थी. जिसमें बीवीजी को टेंडर की शर्तों के अनुसार 7 दिन में भुगतान करने की बात कही गई थी. लेकिन भुगतान अब तक लंबित है. ऐसे में फिलहाल बीवीजी और निगम के बीच भुगतान की समस्या के चलते शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ती चली जा रही है.