राजस्थान विधानसभा में वक्फ कमेटी में अपराधियों की नियुक्ति पर बहस जयपुर. विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान झुंझुनू के सूरतगढ़ में यूनानी डॉक्टरों की कमी को लेकर सवाल किया गया, जिस पर मंत्री सुभाष गर्ग ने जवाब दिया. लेकिन मंत्री के जवाब से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया नाखुश दिखे. उन्होंने कहा कि यह शर्म और अफसोस की बात है कि सूरतगढ़ में 18 में से केवल 3 ही स्टाफ है. ऐसे में जब आप और मैं दोनों नहीं रहेंगे तो क्या भला कैसे ये पद भरोगे.
हालांकि, नेता प्रतिपक्ष की टिप्पणी पर बोलने उठे मंत्री सुभाष गर्ग को स्पीकर सीपी जोशी ने बीच में ही रोक दिया. स्पीकर ने मंत्री से पूछा कि क्या सरकार जिन जगहों पर स्टाफ कम हैं, वहां रिप्लेस नहीं कर सकती है. जहां स्टाफ अधिक है, वहां के लोगों को कम स्टाफ वाले जगहों पर शिफ्ट करने से भी काम हो सकता है. जोशी ने आगे कहा कि एक जगह सभी सुविधा हैं और दूसरी जगह सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है तो यह भी सरकार की जिम्मेदारी है कि जहां कमी है उसे अविलंब दूर किया जाए.
वक्फ कमेटी में अपराधियों की नियुक्ति पर बोले मंत्री :वक्फ कमेटी के गठन और उसमें आपराधिक मामलों में लिप्त लोगों की नियुक्ति के मामले को उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सवाल किया. कटारिया ने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए अब्दुल सलीम 2015 से 302 का मुलजिम है या नहीं, मुस्ताक मोहम्मद मध्य प्रदेश से 2000 में गबन मामले में निलंबित किए गए थे या नहीं. हालांकि, सभी जानकारी होने के बाद भी दोनों ने शपथ पत्र देकर फौजदारी के मुकदमों से इनकार किया था.
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इनके अलावा भी पांच और सदस्य हैं जिन पर साल 2022 के मुकदमे दर्ज हैं. क्या सरकार उन पर कार्रवाई करने को लेकर कोई विचार कर रही है या नहीं? वहीं, कटारिया के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री साले मोहम्मद ने कहा कि हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि अब सदन में नेता प्रतिपक्ष ने रिकॉर्ड में यह कह दिया है तो फिर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए.
पेमेंट के बाद भी कंपनी ने नहीं पूरा किया काम :इस दौरान गंगापुर सिटी से निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने अपने क्षेत्र में पानी की समस्या का मामला उठाते हुए कहा कि जब कंपनियां काम नहीं कर रही है तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती है. इस पर मंत्री महेश जोशी ने कहा कि कानून के मुताबिक जो कार्रवाई होनी है, वो सरकार ने की है. हालांकि, मंत्री के जवाब से निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि जिस कंपनी ने 2005 में टेंडर लेकर 2008 तक काम पूरा नहीं किया और फिर उसी कंपनी को 2013 में सेकंड फेज का काम सौंप दिया गया, जिसे उसे 2016 में पूरा करना था. जबकि हकीकत यह है कि कंपनी को पूरा पेमेंट भी कर दिया गया है. ऐसे में सरकार को कंपनी की इस लापरवाही भरे रवैए के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
आंकड़े गलत हुए तो होगी कार्रवाई :विधानसभा में सोमवार को रोडवेज के अनुदान और कर्मचारियों को बकाया नहीं मिलने के सवाल पर विधायक अनिता भदेल ने सरकार पर गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया. इस पर बृजेंद्र सिंह ओला ने कहा कि अगर उन्हें जो जवाब दिया गया है, वो गलत हुआ तो वो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. वहीं, जैतारण विधायक के अपने क्षेत्र में पानी की योजनाओं में हो रही देरी को लेकर सवाल किया तो मंत्री महेश जोशी ने खामोशी साध ली.