जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग के बहुचर्चित पेपर लीक मामले में मंगलवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के एक्शन पर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि बाबूलाल कटारा का गिरफ्त में आना मेरी ओर से पूर्व में कही गई बातों को साबित करता है.
किरोड़ी लाल मीणा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही पेपर लीक मामले के तार आरपीएससी से जुड़े होने का दावा किया था. जिसके बाद आरोपी शेर सिंह की अगली कड़ी के रूप में बाबूलाल कटारा का आना जाहिर करता है कि युवाओं का भविष्य किन हाथों में है. किरोड़ी लाल मीणा ने यह भी कहा कि इस मामले में सरकार ने सिर्फ एक पेपर रद्द किया था, लेकिन क्या सरकार यह दावे से कह सकती है कि बाकी के दो पेपर लीक नहीं हुए थे. उन्होंने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्यों परीक्षा की पारदर्शिता का सर्वनाश करने पर तुले हैं? मीणा बोले कि सिर्फ बाबूलाल कटारा को पकड़कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सफेदपोश होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन भूपेन्द्र सारण की गिरफ्तारी कब तक करेंगे.
हनुमान बेनीवाल और किरोड़ी मीणा ने ट्वीट कर साधा सरकार पर निशाना पढ़ेंःपेपर लीक मामले में आरपीएससी सदस्य का नाम सामने आने पर सियासत, बीजेपी ने की एंटी चीटिंग एक्ट में कार्रवाई की मांग
मुख्यमंत्री से किया सवालः किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल किया कि सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू में कटारा को किसके इशारे पर बैठाया गया था? उन्होंने सवाल किया कि क्या आपकी कमजोर सरकार भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करेगी? केवल सेकण्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती ही नहीं ,बल्कि RPSC की ओर से 2018 से करवाए गए सारे पेपर लीक हुए हैं. उन्होंने कहा कि लीक प्रकरण में शिव सिंह राठौड़ की संलिप्तता के बारे में पहले भी गहलोत सरकार को सूचित किया गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई. सीएम गहलोत को सलाह देते हुए किरोड़ी लाल मीणा बोले कि ईमानदारी से अगर कार्रवाई हुई, तो आरपीएससी में बैठे कई मगरमच्छ पकड़ में आ जाएंगे.
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पेपर लीक की जांच सीबीआई को सौंपे-बेनीवालः वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में हिरासत में लिए गए आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि काटारा मात्र एक मछली है, असली मगरमच्छ दूसरे लोग हैं, जो आज भी पर्दे के पीछे बैठे हैं. बेनीवाल ने कहा कि वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होते ही उसी दिन RLP ने सबसे पहले अजमेर में RPSC के मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था. इसके बाद राजधानी जयपुर, मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र जोधपुर और शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र बीकानेर में भी प्रदर्शन किया गया.
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बेनीवाल ने कहा कि हमारी पार्टी के विधायकों ने इस मामले को विधानसभा में भी पुरजोर रूप से उठाया था. जिसके कारण RLP के MLA को सदन की कार्यवाही से निष्कासित किया गया. अपनी बात कहते हुए सांसद बेनीवाल ने बताया कि कैसे उन्होंने युवाओं की भावनाओं को सरकार के समक्ष रखा था. बेनीवाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की जनता ने राज्य सरकार के मंत्रियों और आला अधिकारियों सहित सीएमओ में बैठे लोगों की मिलीभगत पेपर लीक प्रकरण में बताई थी. लेकिन राज्य सरकार खामोश रही. इसलिए मुख्यमंत्री को अब पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश कर देनी चाहिए. सांसद दिया कुमारी ने ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस राज में राज्य लोक सेवा आयोग जैसे संवैधानिक संस्थान भी विवादों के दायरे में आ जाते हैं. शिक्षक पेपर लीक मामले में RPSC के सदस्य बाबूलाल कटारा को हटाया जाए.