जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रताप नगर के डी-मार्ट में बीते दिनों महिला न्यायिक अधिकारी की लज्जा भंग और उसके परिजनों से मारपीट के मामले में आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. अवकाशकालीन न्यायाधीश प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी लोकेश, संजय कुमार और नरेंद्र शर्मा की जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए हैं.
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याचिकाकर्ता लंबे समय से जेल में बंद थाः जमानत याचिकाओं में अधिवक्ता सीसी रत्नु और सुरेश गुर्जर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया गया है. वहीं सह आरोपी मनीषा को पूर्व में जमानत पर रिहा किया जा चुका है. इसके अलावा मामले में शिकायतकर्ताओं को कोई जानलेवा चोट नहीं आई है. इसके साथ ही याचिकाकर्ता लंबे समय से जेल में बंद है. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार और शिकायतकर्ता के वकीलों ने कहा कि आरोपियों ने महिला न्यायिक अधिकारी की लज्जा भंग व मारपीट की है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने तीनों आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.