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International Cat Day : वर्जनाएं तोड़ एनिमल लवर ललिता पाल रही दर्जनों बिल्लियां, सगुण शास्त्र की अपनी भ्रांतियां - Rajasthan Hindi news

बिल्लियों को लेकर हमारे मन में नकारात्मक धारणा रहती है, और इन्हें पालने को तो अशुभ माना जाता है. इसके बाद भी कुछ ऐसे भी एनिमल लवर हैं जो इन्हें प्यार देने की जतन और इनको लेकर फैली भ्रांतियों को मिटाने की कोशिश में हैं. आज अंतर्राष्ट्रीय बिल्ली दिवस के अवसर पर आपको मिलाते हैं जयपुर की ललिता कुच्छल से, जिनके घर मे एक दर्जन से ज्यादा बिल्लियां है.

International Cat Day
अंतर्राष्ट्रीय बिल्ली दिवस

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Published : Aug 8, 2023, 6:39 AM IST

मिलिए जयपुर की ललिता कुच्छल से

जयपुर. बिल्ली को रास्ता काटते देख आपके पांव भी औरों के तरह ठिठक जाते होंगे. हो सकता है आप बिल्ली को देख रास्ता भी बदल लें, लेकिन जयपुर में कुछ एनिमल लवर ऐसे भी हैं जो न केवल बिल्लियों के प्रति इंसान की कु-धारणा को बदल रहे हैं, बल्कि बिल्लियों को बचाने के जतन में जुटे हैं. ललिता कुच्छल इनमें से एक हैं. ललिता के पास एक नहीं बल्कि एक दर्जन से ज्यादा बिल्लियां हैं. बिल्लियों को लेकर फैली भ्रांतियों को नकारते हुए ललिता मानती हैं कि बिल्लियों को पालने से कोई नुकसान नहीं होता है.

क्या कहते हैं सगुण शास्त्र

पुराने समय मे कैट फैमली के रास्ता काटने को इस लिए खतरा माना जाता था कि वो पीछे से आकर हमला न कर दें, लेकिन वक्त के साथ इसकी परिभाषा को बदल दिया गया. ललिता कहती हैं कि वो पिछले पांच साल से बल्लियों के साथ रहती हैं. उन्हें तो इनके आसपास होने से और पॉजिटिविटी आती है. हालांकि कुछ शास्त्रों के जानकार इनको लेकर अलग तरह के विचार रखते हैं.

पांच साल से बिल्लियों के साथ रहती हैं ललिता

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वक्त के साथ परिभाषा बदली :ललिता कुच्छल कहती हैं कि पुराने समय मे जब जंगल से गुजरते और उस वक्त कैट फैमली जिनमें टाइगर, शेर, पैंथर शामिल हैं, अगर वो सामने से गुजर जाते तो रास्ता इसलिए बदल लिया जाता था कि कहीं वो पीछे से आकर हमला नहीं कर दें. बाद में बिल्लियों को लेकर नकारात्मक धारणा बन गई, क्योंकि केट फैमली में बिल्लियां भी आती हैं. ललिता कहती हैं कि पिछले पांच साल से वो बिल्लियों को अपने पास रखती हैं, लेकिन उनके होने से आज तक उनमें कोई नकारात्मक भाव नहीं आया. उन्होंने कहा कि इनके होने से और ज्यादा स्ट्रेस फ्री रहती हैं.

ललिता के पास हैं एक दर्जन बिल्लियां

एक दर्जन से ज्यादा बिल्लियां :ललिता कहती हैं कि 5 साल पहले एक बिल्ली को लेकर अपने घर आई थीं, इसके बाद धीरे-धीरे ये बढ़कर 20 से ज्यादा हो गई. फिलहाल उनके पास करीब एक दर्जन बिल्लियां हैं, जिनको वो बिल्कुल अपने बच्चों की तरह पालती हैं. वह बिल्लियों को बेचती नहीं हैं, अगर कोई उन्हें पालने के लिए अपने घर ले जाएं तो उसे वह निशुल्क देती है. ललिता को लगता है कि बिल्लियों को लेकर जो नकारात्मक धारणा है तो गलत है. एनिमल्स कभी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचते हैं. पुराने जमाने की कुछ भ्रांतियां हैं जो आज भी गलत तरीके से प्रचलित की जा रही है.

सगुण शास्त्र अनुसार बिल्लियां रखना अशुभ

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क्या कहते हैं सगुण शास्त्र :डॉग को इंसान का सबसे अच्छा और वफादार पालतू जानवर माना जाता है, लेकिन बिल्ली को लेकर कुछ नकारात्मक धारणाएं हम अपने बुजुर्गों से सुनते आ रहे हैं. सगुण शास्त्रों में बिल्ली को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. पंडित मुकेश भारद्वाज बताते हैं कि बिल्ली को लेकर सामान्यतः लोगों का मत है कि बिल्ली घर में नकारात्मकता और अपशगुन लेकर आती है. हम देखते हैं कि पेट के रूप में अगर आप बिल्ली को पालते हैं तो ये आपके अकेलेपन को दूर करती है. सगुण शास्त्रों में देखें तो इसमें थोड़ी चिंता दर्शाई गई है. अगर आप बिल्ली के साथ रहते हो तो नकारात्मक भाव जन्म देती है और घर में कुछ नुकसान होने का अंदेशा हमेशा रहता है. हालांकि अगर हम अपनी वैदिक संस्कृति के अंदर देखे तो अगर दीपावली के दिन बिल्ली घर में आ जाती है तो लक्ष्मी के रूप में देखते हैं. पेट लव अपनी जगह है, लेकिन काली बिल्ली को कभी भी अच्छे सगुण के साथ नहीं देखा जा सकता.

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