जयपुर.जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में बुधवार से फागोत्सव के बयार बहेगी. 15 फरवरी से 6 मार्च तक चलने वाले फागोत्सव में रचना झांकी दर्शन, पुष्प फागोत्सव, होलिकोत्सव, होली पद और गुलाल होली मुख्य आकर्षण का केंद्र होंगे.
आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में 15 फरवरी को रचना झांकी के साथ होली के सांस्कृतिक आयोजनों की धूम मचेगी. रचना झांकी महोत्सव 26 फरवरी तक चलेगा. इसके अंतर्गत प्राकृतिक गुलाल से सफेद सूती कपड़े पर ठाकुर जी की विभिन्न लीलाओं को चित्रित किया जाएगा. श्रद्धालु 12:30 से 12: 45 तक रचना झांकी के दर्शन कर सकेंगे. रचना झांकी मंदिर के सेवक ही सजाएंगे.
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मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि 27 फरवरी से 2 मार्च तक चार दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम होलिकोत्सव होगा. इसके अंतर्गत दोपहर 12:30 से शाम 4:30 बजे तक विभिन्न कलाकार ठाकुर श्रीजी के समक्ष सेवा अर्पित करेंगे. प्रदेश के नामचीन और उदयीमान कलाकार ठाकुर जी के समक्ष फाल्गुनी प्रस्तुति देंगे. इन 4 दिनों में रचना झांकी के दर्शन दोपहर 3:00 से 4:30 तक होंगे.
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होली का खास आयोजन पुष्प फागोत्सव के रूप में 3 और 4 मार्च को होगा. भजन सम्राट श्रीकांत शर्मा दोपहर 1:00 से शाम 4:30 बजे तक भजन अमृत वर्षा करेंगे. भजनों के साथ राधा-कृष्ण और गोपी-ग्वालों के स्वरूप नृत्य करेंगे. दूसरे दिन फूलों की होली आकर्षण का केन्द्र रहेगी. शेखावाटी के कलाकार भी इस दौरान अपनी प्रस्तुतियां देंगे. पांच मार्च को होली पद भजन अमृत वर्षा अनुष्ठान होगा. दोपहर 1:00 से शाम 4:30 बजे तक कोलकाता के मालीराम शास्त्री भजनों की प्रस्तुतियां देंगे. इस दिन रचना झांकी के दर्शन दोपहर 3 से 4:30 बजे तक होंगे. मंदिर में गुलाल होली 6 मार्च को राजभोग आरती के बाद खेली जाएगी. श्रद्धालु मंदिर के जगमोहन में ठाकुर जी के समक्ष होली खेलेंगे.
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वहीं 7 मार्च को श्रीमन् महाप्रभु चैतन्य देव जयंती भी मनाई जाएगी. इन आयोजनों के बीच गोविंद देव जी की सातों झांकियों (मंगला, धूप, शृंगार, राजभोग, ग्वाल, संध्या, शयन) का समय दर्शन (अपडेटेड शेड्यूल) भी जारी किया गया है. फागोत्सव के दौरान एकादशी और पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ रहने की संभावना के चलते विशेष व्यवस्था भी की जा रही है.