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Jal Jeevan Mission : छापेमारी में ईडी ने 2.32 करोड़ रुपए, एक किलो सोना और प्रॉपर्टी के दस्तावेज किए जब्त - Rajasthan Hindi news

हर घर तक नल से जल पहुंचाने की महत्वकांक्षी योजना जल जीवन मिशन में कथित गड़बड़ी को लेकर तीन दिन पहले की गई छापेमारी में ईडी ने बड़े पैमाने पर नकदी और सोना जब्त किया है. ईडी ने सोमवार को प्रेस बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी है.

ED Raid in Rajasthan
ED Raid in Rajasthan

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 4, 2023, 3:09 PM IST

जयपुर. हर घर तक नल से पानी पहुंचाने की महत्वकांक्षी योजना जल जीवन मिशन में बड़े पैमाने पर धांधली और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तीन दिन पहले पांच शहरों में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसे कार्रवाई में ईडी को बड़े पैमाने पर अघोषित नकदी, सोना और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मिले हैं. इसे लेकर छापेमारी के तीन दिन बाद सोमवार को ईडी की ओर से बयान जारी किया गया है.

ईडी ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि जल जीवन मिशन मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत 1 सितंबर को जयपुर, अलवर, नीमराणा, बहरोड और शाहपुरा में कई ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया था. इस तलाशी अभियान के दौरान बेहिसाब नकदी बरामद की गई है. बयान में बताया गया है कि इस कार्रवाई में 2.32 करोड़ रुपए नकद, 1 किलो सोने की छड़ बरामद की गई है. सोने की छड़ की अनुमानित कीमत करीब 64 लाख रुपए है. इसके साथ ही ईडी ने डिजिटल साक्ष्य, कंप्यूटर हार्ड डिस्क और मोबाइल के साथ ही कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनसे पीएचईडी अधिकारियों की अन्य लोगों से मिलीभगत और बड़े पैमाने पर किए गए धन के लेन-देन का खुलासा करते हैं. इसे लेकर आगे की जांच चल रही है.

ईडी की प्रेस नोट

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एसीबी में दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच :ईडी की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि एजेंसी ने एसीबी राजस्थान की ओर से दर्ज एक एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. इसमें मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन और मैसर्स गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल व अन्य लोग रिश्वत देने के मामले में शामिल थे. जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के टेंडर लेने, बिल स्वीकृत कराने और किए गए कामों में गड़बड़ियां छिपाने के बदले बड़े पैमाने पर रिश्वत के लेन-देन के आरोप इस मामले में लगे हैं.

हरियाणा से चोरी के सामान की खरीद :ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एसीबी की प्राथमिकी में हरियाणा से चोरी का सामान खरीदने के आरोप भी ठेकेदारों पर लगे हैं. इसके साथ ही पीएचईडी से ठेके हासिल करने के लिए इरकॉन का फर्जी प्रमाण पत्र भी जमा करवाया गया था. इन्हीं आरोपों के चलते ईडी ने इस मामले में तलाशी अभियान चलाया. जिस पर बड़ी मात्रा में सोना और नकदी मिली है. यह सब बातें इसका खुलासा करती हैं कि ईडी ने जिन लोगों के ठिकानों पर कार्रवाई की है. उनकी पीएचईडी के अधिकारियों और ठेकेदारों से मिलीभगत थी.

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