जयपुर.बुधवार को भगवान गणेश की पूजा का विधान है. गणेश को बुद्धि का प्रतीक माना जाता है. भगवान गणेश भक्तों पर प्रसन्न होकर दुखों को हरते हैं. साथ ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. कोई भी शुभ कार्य करने से पूर्व श्रीगणेश जी की पूजा की जाती है. बुधवार के दिन पूजा से भगवान विशेष प्रसन्न होते हैं. भगवान को बुध ग्रह का स्वामी माना जाता है. सनातन एवं हिन्दू शास्त्रों में भगवान गणेश जी को, विघ्नहर्ता अर्थात सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला बताया गया है. पुराणों में गणेशजी की भक्ति शनि सहित सारे ग्रहदोष दूर करने वाली भी बताई गई हैं. हर बुधवार के शुभ दिन गणेशजी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है. सभी तरह की रुकावटे भी दूर होती हैं.
मान्यता के अनुसार जब भगवान शंकर त्रिपुरासुर का वध करने में जब असफल हुए. तब उन्होंने गंभीरतापूर्वक विचार किया कि आखिर उनके कार्य में विघ्न क्यों पड़ा. तब महादेव को ज्ञात हुआ कि वे गणेशजी की अर्चना किए बगैर त्रिपुरासुर से युद्ध करने चले गए थे. इसके बाद शिवजी ने गणेशजी का पूजन करके उन्हें लड्डुओं का भोग लगाया और दोबारा त्रिपुरासुर पर प्रहार किया. तब उनका मनोरथ पूर्ण हुआ. इसलिए पहले गणेश को पूजा जाता है.