जयपुर.प्रदेश में लड़कियों की खरीद-फरोख्त का मामला उजागर होने के बाद डीजीपी एमएल लाठर ने शनिवार रात पुलिस मुख्यालय से प्रेस नोट जारी करवाया. जिसमें यह कहा गया है कि प्रदेश में लड़कियों की खरीद-फरोख्त और महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराधों पर राजस्थान पुलिस अत्यंत संवेदन होकर महिला अत्याचार से संबंधित प्रकरणों पर विशेष निगरानी रख रही है.
इन अपराधों की रोकथाम एवं अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया (Daughter Deal in Rajasthan) जा रहा है. डीजीपी लाठर ने कहा कि महिलाओं एवं नाबालिगों की खरीद-फरोख्त एवं अनैतिक कार्य कराए जाने के संबंध में संवेदनशील स्थानों पर लगातार पुलिस निगरानी रख आसूचना एकत्रित कर रही है.
पूर्व में कुछ समाज विशेष में घर की महिलाओं से वेश्यावृत्ति कराए जाने जैसी सामाजिक कुरुति व्याप्त (Crimes against Women in Rajasthan) थी. वर्तमान में राजस्थान पुलिस द्वारा ऐसी अनैतिक गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखकर इन घटनाओं पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा चुका है. इन अवांछित गतिविधियों के संबंध में सूचना प्राप्त होते ही पुलिस द्वारा तुरंत विधिक कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.
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लाठर ने बताया कि प्रकाशित समाचार में 2 पीड़ित लड़कियों के बारे में बताया गया है. दोनों ही पीड़िताएं वर्तमान में अजमेर के नारी निकेतन में रह रही हैं. दोनों पीड़ित लड़कियों के साथ घटित घटना के संबंध में साल 2019 में जिले के हनुमान नगर थाना में अभियोग संख्या 153/2019 आईपीसी की संबंधित विभिन्न धाराओं, पॉक्सो एक्ट, जेजे एक्ट एवं आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर 25 मुलजिमों के विरुद्ध जुर्म प्रमाणित किया जाकर कोर्ट में चार्जशीट पेश की जा चुकी हैं.
वर्ष 2019 में पुलिस ने चलाया ऑपरेशन गुड़िया :डीजीपी एमएल लाठर ने बताया कि साल 2019 में लड़कियों की खरीद-फरोख्त के संबंध में राजस्थान पुलिस ने भीलवाड़ा जिले में ऑपरेशन गुड़िया चलाया (Operation Gudiya in Rajasthan) था. तत्कालीन एसपी हरेंद्र महावर एवं एडिशनल एसपी अनुकृति उज्जेनिया और उनकी टीम ने किडनैप कर लाई गई बच्चियों को अपहरणकर्ताओं से खरीद वेश्यावृत्ति करवाने वाले आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था. इनके द्वारा भीलवाड़ा के इटुन्दा, पंढेर, हनुमान नगर और अजमेर के सांवर थाना क्षेत्र के नापाखेडा व जसवंत नगर में वेश्यावृत्ति के अड्डे संचालित किए जा रहे थे.
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इन अड्डों पर किडनैप कर लाई गई बच्चियों को दवाओं के माध्यम से जवान बना कर वेश्यावृत्ति के धंधे में (Police Strict against Women Atrocities) उतारा जाता था. पुलिस जांच में गिरोह के तार राजस्थान के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र से जुड़ा होना पाया जाने पर इन राज्यों के कई स्थानों पर दबिश दी गई. नाबालिग समेत 7 पीड़ित बच्चियों को दस्तयाब कर लड़कियां खरीदने एवं बेचने वाले कई आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच के बाद 25 के विरुद्ध जुर्म प्रमाणित पाए जाने पर कोर्ट में चालान पेश किया गया.
भीलवाड़ा पुलिस ने राज्य के कई शहरों के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में छापा मारकर लड़कियों की खरीद-फरोख्त करने वाले मुख्य सरगना समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया और 7 पीड़ित लड़कियों को दस्तयाब किया. दस्तयाब की गई 7 में से 5 पीड़ित लड़कियों को उनके घर भिजवाया गया जबकि दो की नारी निकेतन अजमेर में ठहराने की व्यवस्था कराई गई.