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फार्मासिस्ट संविदाकर्मियों ने दी चेतावनी, 2013 के नियम से नहीं हुई भर्ती तो करेंगे आमरण अनशन

धरना दे रहे संविदाकर्मियों ने कहा कि फार्मासिस्ट भर्ती-2018 को चिकित्सा विभाग 2013 के भर्ती नियम से नहीं करा रहा है.

संविदाकर्मियों का धरना

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Published : Mar 2, 2019, 10:29 PM IST

जयपुर. प्रदेश में संविदा और निविदा फार्मासिस्टों ने शनिवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दिया. राजस्थान फार्मासिस्ट अधिकारी संघ, राजस्थान संविदा फार्मासिस्ट संघ, सहकारी भंडार एवं लाइफ लाइन संघ के संयुक्त तत्वधान में यह धरना दिया गया.

वीडियोः संविदाकर्मियों ने दी चेतावनी

धरना दे रहे संविदाकर्मियों ने कहा कि फार्मासिस्ट भर्ती-2018 को चिकित्सा विभाग 2013 के भर्ती नियम से नहीं करा रहा है. उनका कहना है कि पैरामेडिकल की अन्य पदों जैसे नर्सिंग, एएनएम, रेडियोग्राफर आदि की भांति समान भर्ती नियम 2013 के तहत कराई जा रही है. इसमें फार्मासिस्ट की भर्ती को अलग कर दिया गया है. सभी कर्मचारियों ने फार्मासिस्ट की भर्ती मेरिट और अनुभव के बोनस अंकों के आधार पर कराने की मांग की है.

फार्मासिस्टों ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हम आमरण अनशन करेंगे. उन्होंने इस मामले में बीजेपी सरकार के मंत्रियों और तत्कालीन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया. राजस्थान संविदा फार्मासिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह जादौन कहा कि बीजेपी सरकार ने फार्मासिस्ट की भर्ती के नियम बदल दिये. बीजेपी सरकार ने भर्ती के लिए एग्जाम कराना तय किया था जबकि फार्मासिस्ट चाहते हैं कि भर्ती 2013 के भर्ती नियम के अनुसार मेरिट और बोनस अंक के आधार पर हो.

जादौन ने कहा कि अन्य पैरामेडिकल एग्जाम 2013 के भर्ती नियम के अनुसार हो रहे हैं इसमें से फार्मासिस्ट भर्ती को अलग कर दिया गया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में हमारी मांग नहीं सुनी गई इसलिए हमें उम्मीद है कि गहलोत सरकार हमारी मांग सुने. उन्होंने कहा कि समीक्षा कमेटी में भी हमारा मामला अब तक नहीं गया है और हम लोग मुख्यमंत्री और मंत्री से कई बार मिल चुके हैं लेकिन अभी तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है. जल्द ही एग्जाम की डेट भी निकल जाएगी. यदि सरकार हमारी मांग नहीं सुनती है तो हम अनिश्चितकालीन आमरण अनशन करेंगे

ये है संविदा पर लगे फार्मासिस्टों की मांगे
1. फार्मासिस्ट भर्ती 2018 पैरामेडिकल भर्ती के अनुसार न्यूनतम योग्यता के अंक और बोनस (10, 20,30) के आधार पर कराई जाए.
2. अल्पकालीन योजना को छोड़कर स्थाई योजना में लगे संविदा निविदा फार्मासिस्ट को समायोजित का स्थाई किया जाए और उन्हें ठेका पद्धति से मुक्त किया जाए.
3. संविदा, एनजीओ, प्लेसमेंट एजेंसी में लगे फार्मासिस्ट का ठेकेदारों द्वारा शोषण किया जा रहा है, उन्हें उच्चतम उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार समान कार्य और समान वेतन दिया जाए.
4. कई योजनाओं में बोनस अंक देने का प्रावधान नहीं है अतः इन सभी फार्मासिस्ट को भी बोनस अंकों का प्रावधान किया जाए.
5. एन जी ओ व प्लेसमेंट एजेंसी में लगे फार्मासिस्ट को भी संविदा के समान ही कार्मिक माना जाए और चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार इन्हें भी संविदा कर्मियों के सामान से समायोजित कर स्थाई किया जाए.

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