जयपुर. राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने विधानसभा चुनाव 2023 की रणभेरी बजा दी है, लेकिन दूसरी ओर सत्ताधारी दल कांग्रेस और उसका कार्यकर्ता गहलोत और पायलट के बीच चल रहे राजनीतिक खींचतान के चलते कन्फ्यूजन में है. कांग्रेस कार्यकर्ता को जहां चुनावी तैयारियों में जुटना था और जनता के बीच पहुंचकर गहलोत सरकार की घोषित की हुई योजनाएं को बताना था, लेकिन वह इससे दूर दिखाई दे रही है.
देश भर के अलावा राजस्थान में फिलहाल कांग्रेस कार्यकर्ता का एक ही टास्क है कि वह राहुल गांधी की सदस्यता जाने और उन्हें 2 साल की सजा सुनाई जाने के विरोध में सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन करें. ऐसे में कार्यकर्ताओं को दूसरा टास्क मिलने के चलते गहलोत पोस्टर बैनर के सहारे ही अपनी योजनाओं को जनता के बीच पहुंच रहे है.
कांग्रेस विपक्ष में राहुल के मुद्दे से फायदा: दरअसल, जहां कांग्रेस पार्टी की सरकार नहीं है वहां राहुल गांधी के मुद्दे पर कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन का फायदा भी पार्टी को मिल सकता है. लेकिन जहां पार्टी पहले से सत्ता मैं है, वहां राहुल गांधी की सजा और सदस्यता निलंबन मुद्दा नहीं हो सकते, क्योंकि सत्ताधारी दल को चुनावी साल में आम जनता को यह बताना होता है कि उन्होंने अपने शासनकाल में जनता के लिए क्या योजनाएं दी और अगर जनता उन पर फिर भरोसा करती है तो आगे उनकी योजनाएं क्या होगी?