जयपुर.कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती और न ही (Childrens Day 2022 ) इसकी कोई उम्र सीमा होती है. राजधानी जयपुर में इन दिनों दो बच्चे खासा चर्चा हैं. ये दोनों बच्चे भाई हैं, जिनकी उम्र क्रमश: 9 और 10 साल है. 9 साल के वाचस्पति और 10 साल के वेदांत इस छोटी सी उम्र में अपनी प्रतिभा से सबको अचंभित कर (Jaipur brothers made wonders) रहे हैं. ये बच्चे संस्कृत के विद्वान की तरह श्लोकों का जाम करते हैं और इन्हें करीब 1500 से अधिक श्लोक कंठस्त हैं. यह श्लोक अमरकोश, स्तोत्र रत्नावली, श्रीमद्भगवद्गीता और श्रीरामचरितमानस जैसे धर्म ग्रथों के हैं. खास बात यह है कि इन बच्चों ने कोरोनाकाल में घर पर रहकर समय का (Remembered Sanskrit verses in Corona period) सदुपयोग करते हुए अपने परिजनों की प्रेरणा से श्लोकों का अध्ययन शुरू किया था. आज ये दोनों सुबह स्कूल जाने से पहले और रात को सोने तक कई बार श्लोकों का जाम करते हैं.
जिन श्लोकों को बोलते हुए सामान्य व्यक्ति की जीभ लड़खड़ा जाए. जिन श्लोकों को पंडित भी किताब देखकर पढ़ते हैं. ऐसे करीब डेढ़ हजार से ज्यादा श्लोक कंठस्थ करने वाले वेदांत और वाचस्पति से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. दोनों भाइयों ने बताया कि कोरोनाकाल में जब स्कूल बंद थे तो उनके पिता शास्त्री कौशलेंद्र दास (वेदांत के पिता व वाचस्पति के ताऊ जी) ने उन्हें समय का सदुपयोग करते हुए संस्कृत के श्लोक का अध्ययन करने को प्रेरित किया. वो खुद उन्हें श्लोक याद कराते थे. वेदांत और वाचस्पति दोनों ही सीबीएसई इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ते हैं, लेकिन संस्कृत में रुचि होने के कारण वो इंग्लिश के साथ-साथ संस्कृत भी पढ़ते हैं.
इसे भी पढ़ें - Children's Day : यहां देखें अपने चहेते क्रिकेटर्स की बचपन की तस्वीर