जयपुर. बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची गुरुवार को जारी कर दी, लेकिन पहली और दूसरी सूची के बाद जो विरोध खड़ा हुआ थ. उसमें तीसरी लिस्ट ने और ज्यादा आग में घी डालने जैसा काम किया है. 58 प्रत्याशियों की इन सूची में एक दर्जन से अधिक बागियों, दलबदलू और बाहरी नेताओं को टिकट दिया गया है, जिसकी वजह से पार्टी के कार्यकर्ताओं-नेताओं में न केवल रोष है, बल्कि अब वह बगावती तेवर भी अपनाने की तैयारी में हैं.
विरोध, बवाल और बगावत: बीजेपी की पहली और दूसरी सूची के बाद शुरू हुआ विरोध को पार्टी खत्म ही नहीं कर पाई थी कि अब तीसरी सूची ने बवाल को बगावत में बदल दिया. टिकट कटने से नाराज पूर्व प्रत्याशी और विधायकों ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी है. कुछ नेता ऐसे भी हैं जो तीसरे दल का दामन थामने की तैयारी में हैं. नंदबाई से टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा सरकार में मंत्री रहीं कृष्णेद्र कौर दीपा ने भी निर्दलीय नामांकन भरने की तैयारी कर ली है. वहीं, भाजपा नेता और वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले यूनुस खान का गुरुवार रात सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में उन्होंने डीडवाना की जनता से 4 नवम्बर को जनसभा करने का एलान किया है.
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यूनुस खान ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है. जनता जो कहेगी, वही बात मानूंगा. बीकानेर पश्चिम से बीडी कल्ला को प्रत्याशी बनाने के विरोध में कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने वाले राजकुमार किराडू ने गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया. वहीं, बांसवाड़ा से टिकट नहीं मिलने पर भाजपा के दावेदार का फूट-फूट कर रोने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. उन्होंने भी टिकट नहीं मिलने की स्थिति में निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है. तीसरी सूची में कामां से नौक्षम चौधरी को टिकट मिलने के बाद पूर्व विधायक शमसुल हुसैन ने बगावती तेवर अपना लिया है.
बाहरियों का विरोध : उधर बीजेपी ने तीसरी सूची में कांग्रेस सहित अन्य दलों से भाजपा में आए नेताओं को टिकट देने से भी कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी बढ़ती दिख रही है. दो दिन पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए दर्शन सिंह गुर्जर को करौली, सुभाष मील को खंडेला से प्रत्याशी घोषित किया गया है. इसी तरह से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से भाजपा में शामिल हुए रेवंतराम डांगा को खींवसर से और उदयलाल डांगी वल्लभनगर से चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नंदलाल पूनिया की पुत्रवधू सुमित्रा पूनिया को सादुलपुर से उम्मीदवार बनाया गया है.
इसी तरह से 2018 के चुनाव में पार्टी से बगावत कर चुनावी ताल ठोकने वाले कुलदीप धनखड़, रमेश खींची, धनसिंह रावत और सुखराम कोली को टिकट दिया है. बागियों, दलबदलू और बाहरियों को टिकट देने से इन सीटों पर स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी दिख रही है. स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी की निष्ठा में साथ काम करने वालों को नजरअंदाज करके बाहरियों, दलबलुओं और बागियों पर भरोसा किया जा रहा है.