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लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा का अल्पसंख्यक कार्ड, तीन तलाक जैसे मुद्दों के जरिए सेंधमारी की तैयारी

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 9, 2024, 11:08 AM IST

मोदी सरकार की ओर मुस्लिम महिलाओं को लेकर लिए गए फैसलों को लेकर अब भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा कांग्रेस के परंपरागत वोट में सेंधमारी की तैयारी में है. यही वजह है कि मोर्चा ने अल्पसंख्यक समाज की मुस्लिम महिलाओं को साथ जोड़कर धन्यवाद अभियान शुरू किया है. इस अभियान के जरिए प्रदेशभर में कलेक्टर के माध्यम से पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया जा रहा है.

BJP Minority Morcha thanksgiving campaign
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का धन्यवाद अभियान

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का धन्यवाद अभियान शुरू

जयपुर. लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा ने अब कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक यानी अल्पसंख्यक समाज पर नजर जमा ली है. तीन तलाक और महिला आरक्षण जैसे मुद्दों को लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा इस वोट में सेंध मारी में जुट गया है. खास बात यह है कि मोर्चा इस अभियान में मुस्लिम महिलाओं को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है. मोर्चा की ओर से धन्यवाद अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत प्रदेशभर में जिला कलेक्टर के माध्यम से पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया जा रहा है. इसके बाद बूथ स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू होगा.

प्रधानमंत्री के नाम धन्यवाद ज्ञापन : भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से प्रदेशभर में तीन तलाक, महिला आरक्षण जैसे मामलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लिए गए फैसलों को लेकर धन्यवाद अभियान चलाया जा रहा है. मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हमीद खान मेवाती ने बताया कि मोदी सरकार ने मुस्लिम बहनों के हितों के लिए ​ऐतिहासिक फैसलें लिए थे. इससे खुश होकर अल्पसंख्यक समाज की मुस्लिम बहनें प्रदेशभर में कलेक्टर के माध्यम से पीएम मोदी का शुक्रिया अदा कर रही हैं. अभियान के तहत मोर्चा की ओर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिला कलेक्टर के माध्यम से पीएम मोदी को धन्यवाद पत्र भेजा जा रहा है. हमीद खान ने बताया कि इसी महीने मोर्चा की ओर से केंद्र की योजनाओं को मुस्लिम समाज के बीच में ले जाने के लिए जिला मुख्यालय पर सम्मेलन होंगे. इसके तहत बूथ स्तर पर भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

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7 लोकसभा सीटों पर प्रभाव :प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें हैं. इनमें से सात आरक्षित है. भरतपुर, करौली-धौलपुर, बीकानेर और श्रीगंगानगर अनुसूचित जाति के लिए तो तीन सीटें बांसवाड़ा-डूंगरपुर, उदयपुर और दौसा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. बाकी 18 सीटों पर किसी भी वर्ग का व्यक्ति भाग्य आजमा सकता है. लेकिन वोट बैंक की राजनीति के कारण बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इन सीटों पर जाति के आधार पर प्रत्याशियों का चयन करती हैं.

लिहाजा कुछ सीटें अघोषित रूप से उन जातियों के लिए लगभग आरक्षित सी हो गई हैं, लेकिन खास बात यह है कि इन 25 सीटों में से 7 लोकसभा सीटें ऐसी है जहां सीधे तौर पर अल्पसंख्यक समाज हार-जीत तय करता है. ये सीटें अलवर, जयपुर शहर, चुरू, झुंझुनू, सीकर, नागौर और टोंक- सवाईमाधोपुर हैं. यहां 3 लाख से 4 लाख तक मुस्लिम मतदाता हैं. भाजपा भले ही मुस्लिम समाज में से किसी को प्रत्याशी नहीं बनाती, लेकिन पार्टी की इस समाज के वोट बैंक पर पैनी नजर है. भाजपा की कोशिश है कि कांग्रेस के इस हार्डकोर वोट बैंक को भाजपा के पक्ष में किया जाए.

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