जयपुर. बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा समाप्त हो गई है, जबकि जनाक्रोश सभाएं कल यानी 10 जनवरी को समाप्त हो जाएंगी. 200 विधानसभा तक पहुंची जन आक्रोश यात्रा लगभग 1 लाख 15 हजार किलोमीटर चली है. बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने सोमवार को बीजेपी मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए इस यात्रा को पूरी तरीके से सफल बताया और कहा कि यह यात्रा बीजेपी की ना रह कर जन-जन की यात्रा हो गई है. अरुण सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की यात्रा से दूरी पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा (Arun Singh on Raje absence from Jan Aakrosh Yatra) कि वह व्यक्तिगत कारण से इस यात्रा में शामिल नहीं हो पा रही हैं. उनकी तबीयत खराब है.
वसुंधरा राजे बीमार : वसुंधरा राजे जन आक्रोश यात्रा के पहले दिन के बाद वह इस यात्रा में कहीं पर भी शामिल नहीं हुई, जबकि प्रदेश और केंद्र नेता इस यात्रा में शामिल हुए. वसुंधरा राजे की यात्रा से दूरी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इन सवालों पर बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे व्यक्तिगत कारणों से इस जन आक्रोश यात्रा में शामिल नहीं हो पा रही हैं. वह बीमार हैं, इसलिए यात्रा से दूर हैं और कोई वजह नहीं है.
पढ़ें:धौलपुर में निकाली गई भाजपा की जन आक्रोश यात्रा...लेकिन वसुंधरा समर्थक रहे नदारद
200 विधानसभा में 1 लाख 15 चली यात्रा:अरुण सिंह ने कहा जन आक्रोश यात्रा सम्पन्न हो गई है. जन सभा 10 जनवरी को संपन्न हो जाएगी. यात्रा और सभाओं में जनता का भरपूर समर्थन मिला है. यह जन आक्रोश यात्रा बीजेपी तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि जन-जन की आक्रोश यात्रा बन गई. अरुण सिंह ने कहा कि इस तरह की 200 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा पहली बार निकली है. ये यात्रा 1 लाख 15 हजार किलोमीटर चली, जिसमें एक करोड़ से ज्यादा लोगों से संपर्क हुआ. 90 हजार से ज्यादा पत्र बांटे गए हैं. जिला से लेकर ब्लॉक तक इस यात्रा का असर दिख रहा है. अरुण सिंह ने कहा कि कांग्रेस के विकास विरुद्ध, सरकार के खिलाफ ये यात्रा सफल रही है. जन आक्रोश यात्रा के माध्यम से गहलोत सरकार की विदाई तय हो गई है.