जयपुर. राजधानी में 2 दिन से लगातार बारिश का दौर जारी है. जयपुर में हुई तेज बारिश से जमवारामगढ़ बांध में भी पानी की आवक हुई है. बांध में पानी आने से लोगों में काफी खुशी है. बांध में पानी की आवक को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचने लगे हैं.
ईटीवी भारत की टीम जमवारामगढ़ बांध का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंची. जमवारामगढ़ बांध में पानी की आवक तो हुई है लेकिन लोगों की उम्मीद के मुताबिक बांध में पानी नहीं भरा. बांध में पानी को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. बांध में पानी की आवक कम होने से लोगों को मायूसी हाथ लगी, लेकिन लोगों ने जमवारामगढ़ बांध पर बारिश के खुशनुमा मौसम का जमकर लुत्फ उठाया.
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ईटीवी भारत ने बांध पर मौजूद लोगों से बातचीत कर उनके विचार जाने. लोगों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जमवारामगढ़ बांध में पानी भरने की जो उम्मीद लेकर आए थे. उसके मुताबिक पानी नहीं भरा है. सन 1982 में जमवारामगढ़ बांध में एशियाई खेलों का आयोजन हुआ था. अगर जमवारामगढ़ बांध में पहले की तरह पानी भरेगा तो यहां फिर से एशियाई खेलों का आयोजन होने की उम्मीद होगी.
सरकार को जमवारामगढ़ बांध को भरने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. जमवारामगढ़ बांध में पानी पहुंचाने वाली नदियों के रास्तों में लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है, जिसके चलते पानी रास्ते में ही रुक जाता है और बांध तक पानी नहीं पहुंच पाता. जमवारामगढ़ बांध की नदियों के रास्ते में हो रहे अतिक्रमणों को हटा दिया जाए तो नदियों का पानी बांध तक पहुंचने लगेगा और बांध फिर से लबालब नजर आएगा.
जमवारामगढ़ बांध में फिर से हुई पानी की आवक जमवारामगढ़ बांध में बाणगंगा नदी और रोड़ा नदी का पानी ही पहुंचता था, लेकिन बाण गंगा नदी के रास्तों में अतिक्रमण होने से इस नदी का पानी कई वर्षों से बांध तक नहीं पहुंच पा रहा. हालांकि 2 दिन तेज बारिश होने से रोड़ा नदी का पानी जमवारामगढ़ बांध में पहुंचा जिससे बांध में पानी की आवक देखने को मिली. करीब दो दशकों बाद रोड़ा नदी का पानी जमवारामगढ़ बांध तक पहुंचा लेकिन जो पानी बाद में आया वह केवल गड्ढों में ही समा गया.
अगर इसी तरह लगातार बारिश होती रही तो जमवारामगढ़ बांध में भी पानी लबालब भरता हुआ नजर आने लगेगा. एक वक्त था जब जमवारामगढ़ बांध में पानी की चादर चलती थी और उन दिनों बांध में एशियाई खेलों का भी आयोजन हुआ था लेकिन अब बांध में केवल झाड़ियां ही झाड़ियां नजर आती है.
बता दें कि जमवारामगढ़ बांध वर्षों से बदहाली के आंसू रो रहा है. बांध तक पानी पहुंचाने वाली नदियों के रास्तों में अतिक्रमण होने से जमवारामगढ़ बांध पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है. जमवारामगढ़ बांध की बदहाली को लेकर हाईकोर्ट ने भी सख्ती दिखाई थी जिसके बाद प्रशासन ने अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई तो की लेकिन पूरी तरह से अतिक्रमणों को हटाने में नाकाम रहा. प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई केवल दिखावा ही साबित होकर रह गई. प्राकृतिक जल स्रोतों और बावडियों के संरक्षण को लेकर ईटीवी भारत की मुहिम के तहत पिछले दिनों लोगों ने श्रमदान भी किया था और अच्छी बारिश से जमवारामगढ़ के भराव की कामना की थी.