हनुमानगढ़.शहर में एक अपने पति पर 6 महीने के मासूम को बेचने का आरोप लगाया है. पीड़ित महिला मामले में पति के साथ अपनी सास पर भी आरोप लगाए हैं. मामले में उसने महिला बाल कल्याण समिति में शिकायत की है.
मामला हनुमानगढ़ जंक्शन शहर स्थित खुंजा कॉलोनी का है. जहां की निवासी महिला सुखप्रीत कौर ने अपने पति सुखपाल सिंह और सास पर उसके 6 महीने के बच्चे को बेचने का आरोप लगाया है. उसने कहा है कि पति और सास ने उसका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर उसे धोखा दिया है. उसका कहना है कि उसके पति और सास ने इस मृत्यु प्रमाण पत्र के जरिए यह दिखाया कि बच्चे परवरिश करने वाला कोई नहीं है. जिसके चलते इसे गोद दिया जा रहा है.
ये आरोप पीड़ित महिला ने बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के समक्ष पेश होकर आरोप लगाए हैं. उसने कहा है की 6 माह के बच्चे को उसके पति ने 1 लाख 20 हजार रुपए में बेच दिया है. महिला ने मांग की है कि उसका बच्चा उसे वापस लौटाया जाए. पीड़ित महिला का नाम सुखप्रीत कौर है. जिसकी शादी जंक्शन के वार्ड संख्या 3 निवासी सुखपाल सिंह से हुई थी. शादी के 2 साल बाद दंपति को एक बेटा हुआ. जिसका नाम शिवजोत है. सुप्रीत का कहना है कि उसके पति का मक्कासर स्थित एक आश्रम में आना जाना रहता है. आरोप है कि यहीं पर सुखपाल ने बेटे को बेचने की योजना बनाई.
हनुमानगढ़ में 6 माह के मासूम को पिता ने मां के आंचल से किया जुदा आरोप है कि इसके लिए सुखपाल ने फर्जी तरीके से सुखप्रीत का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया. उसने गंधेली गांव के रहने वाले एक व्यक्ति को बताया कि उसकी पत्नी मर चुकी है. अब वह अपने बच्चों को पाल नहीं सकता है. इसलिए वे गोद देना चाहते हैं. जिसके बाद पंजीयन कार्यालय में गोदनामा पंजीयन करवाया, लेकिन पत्नी को जब इस बात का पता चला तो उसने अपने बच्चे को वापस लेने की मांग की, लेकिन उसे डरा धमकाकर चुप करवा दिया. काफी दिन बीत जाने के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला तो अब पीड़िता ने बाल कल्याण समिति के सामने पेश होकर न्याय की गुहार लगाई है.
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जोधा सिंह का कहना है कि पीड़िता ने बाल कल्याण समिति को मामले से अवगत कराया है. अब महिला के आरोपों की जांच की जाएगी. इस मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी. वहीं मामले में हनुमागढ़ जंक्शन थाने के सीआई अरविंद भारद्वाज ने बताया कि मामले में पंजीयन कार्यालय से डॉक्यूमेंट मंगवाए गए. महिला के डेथ सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है. मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.