डूंगरपुर. कोरोना की दूसरी लहर ने जहां चारों ओर कहर बरपाया. किसी ने अपनों को खोया तो कहीं किसी का रोजगार छिन गया. ऐसे में डूंगरपुर जिला महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi Rural Employment Guarantee Scheme) यानि मनरेगा (MGNREGA) में प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा है. जिले में मनरेगा से 1.23 लाख लोगों को रोजगार मिला है, तो वहीं प्रदेश के कई पैरामीटर पर भी डूंगरपुर खरा उतरा है.
मनरेगा योजना (MGNREGA Scheme) में डूंगरपुर जिले के प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल करने के बाद जिला प्रशासन पहले पायदान को लेकर तैयारी कर रहा है. जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजलि राजोरिया ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में राजस्थान में दूसरा स्थान मिलना डूंगरपुर के लिए गौरव की बात है.
सीईओ ने बताया कि डूंगरपुर जिले में वर्तमान में 1 लाख 23 हजार 362 श्रमिक रोजगाररत है. जिला विभिन्न पैरामीटर्स जिसमें समय पर भुगतान, कार्य पूर्णता, आधार बेस भुगतान, प्राकृतिक जल संसाधन के कार्यों, कृषि सम्बन्धी कार्यों, जियो टेगिंग की दर आदि में अच्छा प्रदर्शन करते हुए डूंगरपुर जिले ने प्रदेशभर में दूसरा स्थान बनाया है.
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उन्होंने बताया कि कोरोना के मुश्किल हालातों में महात्मा गांधी नरेगा योजना यहां के निवासियों की जिंदगी के लिए रोजगार का बड़ा सहारा बनी है. अनलॉक के बाद एक बार फिर से महात्मा गांधी नरेगा कार्य में प्रगति से वर्तमान में 1 लाख 23 हजार 362 लोगों को रोजगार मिला है. वर्तमान में जिले के आसपुर ब्लॉक में 6888, बिछीवाड़ा ब्लॉक में 11282, चिखली में 5693, दोवड़ा में 8154, डूंगरपुर में 8676, गलियाकोट में 22385 झौंथरी में 16827 साबला में 4163, सागवाड़ा में 28078, सीमलवाड़ा में 11216 श्रमिक नियोजन है, तथा 35.11 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं.
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सीईओ ने बताया कि कोरोना अनलॉक के बाद मिली छूट में नियमानुसार श्रमिकों का नियोजन किया जा रहा है. कार्यस्थल पर कोविड-19 प्रोटोकॉल गाइडलाइन की पूर्ण पालना करवाई जा रही है. इसके अन्तर्गत एक कार्य पर नियमानुसार अनुमत श्रमिक लगाये जा रहें है. जिससे सोशल डिस्टेंस की पूर्ण पालना करवाई जा सके. धीरे-धीरे श्रमिक नियोजन बढ़ रहा है. हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक श्रमिक नियोजन कर अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना है, और इस हेतु प्रयास लगातार जारी है.