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अयोध्या राम मंदिर पर SC का फैसला धर्म के आधार पर नहीं, तथ्यों के आधार पर है : राजस्थान वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष

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Published : Nov 10, 2019, 5:24 PM IST

धौलपुर के पूर्व विधायक अब्दुल सगीर ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाये गए फैसले के बाद ईटीवी भारत से खास बातचित की. उन्होंने फैसले पर खुशी जताते हुए कोर्ट को फैसले को ऐतिहासिक बताया. वहीं उन्होंने कहा कि अब धर्म की राजनीति पर विराम लगना चाहिए और सभी को मिलकर अखंडता और एकता की मिशाल पेश करनी चाहिए.

धौलपुर न्यूज, dholpur news

धौलपुर. राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाये गए फैसले के बाद धौलपुर के पूर्व विधायक एवं पूर्व वक्फ वोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्तमान में कांग्रेस के नेता अब्दुल सगीर ने ईटीवी भारत से खास वार्ता की है, जिसमें उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने तथ्यों, एविडेंस एवं शहादत के आधार पर ऐतिहासिक फैसला दिया है.

राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया ऐतिहासिक

उनके अनुसार इस फैसले को लेकर मुस्लिम समाज का भी निर्णय था कि फैसला जैसा भी आये समाज उसे स्वीकार करेगा. पूर्व विधायक ने लोगों सगीर ने हिन्दुस्तान के लोगों को मुबारकबाद देते हुए कहा कि डॉ अलाहमाय इकबाल ने राम को हिन्दुस्तान का इमाम कहा है.

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सगीर अब्दुल ने मुसलान और हिन्दुओं से आह्वान करते हुए कहा कि भव्य मंदिर के निर्माण में आगे बढ़कर अल्पसंख्यक भी हिन्दुस्तान की अखंडता एकता की मिशाल पेश करेगें, जिससे एक नया हिन्दुस्तान बनेगा.

ओवैसी ना बनाए इसे राजनैतिक मुद्दा

वहीं असदुद्दीन ओवैसी के बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर पूर्व विधायक सगीर ने कहा कि ओवैसी इसे राजनैतिक मुद्दा ना बनाये. सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक हजार से ज्यादा पन्नों का आया है. जितना उन्होंने अध्ययन किया है फैसला आस्था के आधार पर नहीं, तथ्यों के आधार पर दिया गया है. तथ्यों में सबसे महत्वपूर्ण यह रहा है कि जो खुदाई हुई है उसमें गैर इस्मालिक एविडेंस मिले हैं, जिससे साबित होता है कि वहां मंदिर के अवशेष थे.

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उन्होंने आगे कहा कि इसको ओवैसी को राजनैतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. हिन्दुस्तान का सारा मुसलमान इस देश की तरक्की के लिए प्रार्थना करना चाहता है. राम मंदिर पर फैसला आने के बाद धर्म और मजहब की राजनीति का अंत हो जाना चाहिए. मंदिर मस्जिद की राजनीति से लोगों ने बहुत फायदा उठाया है. अब देश में सिर्फ विकास की राजनीति होनी चाहिए. अब किसान मजदूर और नौजवानों पर फोकस करना चाहिए.

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