धौलपुर.जिले की पहल पर अब राजस्थान के सभी जिलों में ई-मित्रों के माध्यम से अस्पतालों के पर्चे बन सकेंगे. इस कड़ी में जिले में भी ई-मित्र केन्द्रों के माध्यम से रोगी पर्ची पंजीकरण की पहल करने को लेकर राजस्थान सरकार ने जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को वर्ष 2018-2019 के ई-गवर्नेंस अवॉर्ड देने की घोषणा की हैं.
जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने अस्पताल में मरीजों की भीड़ को कम करने के लिए ई-मित्र केंद्रों में रोगी पर्ची पंजीकरण की शुरुआत की थी. जिसके बाद 32 जिलों के कलेक्टर्स ने वीसी के माध्यम से जिला कलेक्टर से इस पहल की जानकारी ली. ई-मित्र केंद्रों में रोगी पर्ची पंजीकरण का कोरोना काल में काफी फायदा मिला है. जिसके कारण अस्पताल में आने वाले अधिकांश मरीजों ने अस्पताल की ओपीडी में बिना लाइन लगे ई-मित्र के माध्यम से पर्चे बनवाए और सीधे जाकर डॉक्टर से उपचार लिया.
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जिला अस्पताल की ओपीडी में पर्चा बनवाने के लिए पूर्व में बड़ी संख्या में लोगों को लाइन में लगना पड़ता था. जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल द्वारा अस्पताल के निरीक्षण में ओपीडी की लाइन में लगे बुजुर्ग गर्मी में परेशान होकर गिरे थे, तब कलेक्टर ने लाइन को कम करने का प्लान बनाया था. पहले उन्होंने लाइन से निजात के लिए महिला, वरिष्ठजन के लिए अलग-अलग काउंटर बनाए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ था.
इसके बाद कलेक्टर ने विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के स्थानीय अधिकारियों से वार्ता कर इस मॉडल को विकसित किया. जिसमें लाइन में खड़े होने की बात तो बहुत दूर की हो गई, मरीजों को अब रोगी पर्ची बनवाने के लिए अस्पताल जाने की भी जरूरत नहीं थी.
सर्वप्रथम यह देखा गया कि अस्पताल में जो पर्चियां बनाई जा रही हैं, वह आईएचएमएस प्लेटफार्म पर बनाई जा रही थी और ई-मित्र काउंटर अलग टेक्निकल प्लेटफार्म पर कार्य करते थे, तो सर्वप्रथम ई-मित्र काउंटर को स्थानीय स्तर पर आईएचएमएस प्लेटफार्म पर एक्सेस दी गई, लेकिन इस कार्य में भी प्रारंभिक तौर पर बहुत परेशानियां आईं.