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धौलपुर: 40 महिलाओं ने 10 लाख रुपये एकत्रित कर खरीदा वाहन और चंबल मुक्तिधाम को कर दिया दान - महिलाओं ने दिया दान

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जहां लोगों को आक्सीजन और बेड के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, धौलपुर शहर में जिन परिजनों को छोड़कर अपने इस दुनिया से चले गए, उनकी परेशानी को समझते हुए 40 महिलाओं के एक महिला मंडल ने सराहनीय योगदान दिया है. दरअसल, करीब 40 महिलाओं के महिला मंडल ने 10 लाख रुपये एकत्रित करके एक महेंद्रा पिकअप सीएनजी गाड़ी खरीदी और उसे चंबल मुक्तिधाम को दान दे दी.

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धौलपुर महिलाओं ने वाहन खरीद किया दान

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Published : May 19, 2021, 2:26 PM IST

धौलपुर. कहते हैं कि दान करो तो ऐसा करो कि एक हाथ से किसी को कुछ दो और दूसरे हाथ को पता भी न लगे. ऐसा किया हुआ दान ही सार्थक होता है. भक्ति युग के कवि रहीम दास ने भी लिखा है- 'देन हार कोई और है, भेजत जो दिन रैन, लोग भरम हम पर करें तासों नीचे नैन'. कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जहां लोगों को आक्सीजन और बेड के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, धौलपुर शहर में जिन परिजनों को छोड़कर अपने इस दुनिया से चले गए, शायद उन परिजनों को अपने के शव को मुक्तिधाम तक ले जाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता. लेकिन, 40 महिलाओं के एक महिला मंडल ने कोरोना काल में परिजनों की परेशानी को समझते हुए ऐसी स्थिति को आने से पहले ही संभालने में अपना सराहनीय योगदान दिया.

धौलपुर महिलाओं ने वाहन खरीद किया दान

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करीब 40 महिलाओं के महिला मंडल ने 10 लाख रुपये एकत्रित करके एक महेंद्रा पिकअप सीएनजी गाड़ी खरीदी और उसे चंबल मुक्तिधाम को दान दे दी. वहीं, नगरपरिषद अब इस वाहन से शवों को चंबल मुक्तिधाम में पहुंचाकर अपने खर्चे से कोविड प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार भी करवा रहा है. चंबल मुक्तिधाम के कोषाध्यक्ष राम कुमार गर्ग ने बताया कि केके अग्रवाल की पत्नी रागनी अग्रवाल के नेतृत्व में महिला मंडल ने यह सराहनीय कार्य किया है.

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कोरोना महामारी के इस दौर में अगर एक ही शव वाहन होता तो शायद लोगों को शवों को भी मुक्तिधाम तक ले जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन शहर की महिलाओं ने सराहनीय पहल कर निजी स्तर पर फंड एकत्रित किया. इस फंड से गाड़ी खरीदी गई. गाड़ी का उपयोग वाहन के रूप में किया जा रहा है. महामारी के दौर में महिलाओं की ओर से किए गए पुनीत कार्य की शहर भर में प्रशंसा की जा रही है.

डीजल से सस्ती पड़ रही सीएनजी, कोरोना काॅल के बाद बनेगी नई गाड़ी की बाॅडी
महिला मंडल की ओर से इस कार्य के लिए करीब 11 लाख रुपये एकत्रित किया गया, जिसमें से 10 लाख रुपये की गाड़ी खरीदी और एक लाख रुपये गाड़ी की बाॅडी बनने के लिए दिए हैं. चंबल मुक्तिधाम के कोषाध्यक्ष ने बताया कि इन हालातों को देखते हुए बिना बाॅडी के गाड़ी को लगा लिया गया है. कोरोना काल के समाप्त होने के बाद नई गाड़ी की बाॅडी भी बनवा दी जाएगी. उन्होंने बताया कि गाड़ी सीएनजी से चलती है, जिसका खर्चा भी डीजल से काफी सस्ता पड़ता है.

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