दौसा.राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष के नाम पर मंडी व्यापारियों पर लगाए गए 2 प्रतिशत टैक्स के विरोध में पिछले 14 दिन से चल रही कृषि उपज मंडी की हड़ताल बुधवार को समाप्त हो गई. मंडी व्यापारियों को लेकर सरकार की हठधर्मिता के चलते पिछले 14 दिन से चल रही व्यापारियों की हड़ताल बुधवार को स्वेच्छा से ही समाप्त की गई.
मंडी व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें आश्वासन दिया था, लेकिन 14 दिन के बाद भी टैक्स को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में लॉकडाउन से किसान पूरी तरह परेशान थे.
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किसानों की फसल तैयार होने के बाद भी उनके ऊपर आर्थिक संकट मंडरा रहा था. सरकार की हठधर्मिता के बावजूद भी हमें किसान की परेशानी को देखते हुए मंडी खोलकर उनकी फसलों को खरीदना शुरू किया है. जिले की मंडियों में 14 दिन बाद हड़ताल समाप्त हुई और मंडियों में एक बार फिर रौनक लौट आई. जैसे ही मंडियों खुली तो किसान अनाज लेकर मंडियों में पहुंचे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए किसानों ने मंडियों में अपना अनाज बेचा.
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दौसा व्यापार संघ के अध्यक्ष राकेश चौधरी ने बताया कि पिछले 14 दिनों की हड़ताल के चलते दौसा में 30 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. वहीं प्रदेश भर में करीब 700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में किसानों के हित का ध्यान रखते हुए मंडिया खोली गई है. ऐसे में यदि सरकार इस टैक्स को वापस नहीं लेती है, तो मजबूरन राजस्थान के किसान को नुकसान से बचने के लिए अपने अनाज को अन्य प्रदेशों की मंडियों में बेचने जाना पड़ सकता है.