दौसा.जिले में पंचायतों के नव सर्जन का विवाद दिनों दिन प्रशासन के लिए गले की फांस बनता जा रहा है. जिसके चलते लंबे समय से लोग पंचायतों के पुनर्गठन के विवाद को लेकर आए दिन जिला प्रशासन के पास पहुंच रहे हैं. मंगलवार को भी जिले की भेजूंपाड़ा आलूदा और जैलमपुरा के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
दौसा में पंचायत पुनर्गठन को लेकर लोगों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन बैजूपाड़ा ग्राम पंचायत के लोगों ने बताया कि गांव कंचनपुरा, बैजूपारा ग्राम पंचायत में था, जो कि उनके गांव से मात्र आधा किलोमीटर की दूरी था. जिससे उन्हें ग्राम पंचायत में काम के लिए आने-जाने में असुविधा नहीं होती थी, लेकिन वर्तमान समय में हुए पंचायत पुनर्गठन में राजनीतिक दबाव के चलते उनके गांव को बैजूपाड़ा से हटाकर नांगल पंचायत में जोड़ दिया जो कि उनके गांव से तकरीबन 10 किलोमीटर दूरी पर है. ऐसे में ग्रामीणों को नई पंचायत मुख्यालय पर आने-जाने में असुविधाएं होगी.
बताया जा रहा है कि इस दौरान लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर चेतावनी भी दी कि यदि उनके गांव को यथावत नहीं रखा जाता है, तो वह आगामी समय में बड़ा आंदोलन करेंगे. वहीं दौसा उपखंड के आलूदा खुर्द और आलूदा कला को दो अलग-अलग पंचायत बनाने की मांग को लेकर ग्राम वासियों ने सरकार को प्रस्ताव दिया था, लेकिन सरकार ने नए पंचायत पुनर्गठन में दोनों को पंचायत नहीं बनाकर आलूदा को ही यथावत दोनों को एक ही पंचायत में रख दिया है. इसको लेकर लोगों का कहना है कि आलूदा का क्षेत्रफल बड़ा है. उसमें कुल 17 वार्ड हैं. जिससे उसका विकास कार्य बाधित हो रहा है.
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वहीं जैलमपुरा के लोगों का कहना है कि नवसृजित ग्राम पंचायतों की लिस्ट में जैलमपुरा को ग्राम पंचायत तो बना दिया गया, लेकिन अब उसे राजनीतिक दबाव के चलते वापस हटाया जा रहा है. जिसके चलते लवाण पंचायत समिति की जारी की हुई लिस्ट में जैलमपुरा का नाम नवसृजित पंचायतों में भी नहीं आया है. ऐसे में तीन पंचायतों के लोगों ने जिला कलेक्टर को अलग-अलग मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.