दौसा.दौसा और बांदीकुई एसडीएम को एक साथ ट्रैप की कार्रवाई के बाद रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. ट्रैप किए गए दोनों एसडीएम के साथ ही एसीबी ने दलाल नीरज मीणा को भी दबोचा है. नीरज, भ्रष्टाचार के इस खेल में दौसा में एसपी रहे मनीष अग्रवाल का खासमखास रहा है. वह तत्कालीन दौसा एसपी मनीष अग्रवाल के लिए दलाली करता था. ब्यूरो की जांच में सामने आया है कि अग्रवाल और नीरज दोनों के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर रोजना आठ से दस बार Whatsapp चैटिंग होती थी.
दरअसल, दौसा की ब्यूरोक्रेसी में चल रहे भ्रष्टाचार के इस खेल पर ब्यूरो की काफी समय से नजर थी. इसके लिये ब्यूरो ने संदिग्ध अधिकारियों के मोबाइल को सर्विलांस पर ले रखा था. लेकिन ब्यूरो को कार्रवाई करने का सही मौका नहीं मिल पा रहा था. उसके बाद दो दिन पहले सड़क निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए दौसा और बांदीकुई एसडीएम के बाद ब्यूरो ने जिले की प्रशासनिक मशीनरी में फैले भ्रष्टाचार के कनेक्शन को त्वरित गति से जोड़ने का काम किया. हालांकि, इसमें ब्यूरो सफल भी रहा.
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बता दें कि दोनों एसडीएम के साथ दलाल नीरज मीणा की गिरफ्तारी से ब्यूरो की राह आसान हो गई. नेशनल हाईवे बनाने वाली कंपनी ने तत्कालीन दौसा एसपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ भी ब्यूरो को कई साक्ष्य दिए. फिलहाल, यह सामने आया है कि नीरज मीणा एसपी मनीष अग्रवाल के दम पर धमकाने का काम करता था. ब्यूरो ने पकड़े गए अधिकारियों और नीरज के मोबाइल खंगाले तो भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगीं. नीरज के मोबाइल से ब्यूरो के सामने आया कि उसकी और आईपीएस मनीष अग्रवाल की लेनदेन को लेकर रोजाना Whatsapp कॉलिंग होती थी.